________________ सौंदर्य तो है अंतर्मार्ग में मग्गानटुंगिको सेट्ठो सच्चानं चतुरो पदा। विरागो सेट्ठो धम्मानं द्विपदानंच चक्खुमा।।२२५।। एसोव मग्गो नत्थो दस्सनस्स विसुद्धिया। एतं हि तुम्हे पटिवज्जथ मारस्सेतं पमोहनं / / 226 / / एतं हि तुम्हे पटिपन्ना दुक्खस्संतं करिस्सथ। अक्खातो वे मया मग्गो अब्राय सल्लसंथनं / / 227 / / तुम्हेहिकिच्चं आतप्पं अक्खातारो तथागता। पटिपन्ना पमोक्खंति झायिनो मारबंधना||२२८।। 127