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________________ ध्यान की खेती संतोष की भूमि में तुम हिंदू - दू-घर में पैदा हो गए, इसलिए हिंदू- कुल धन्य हो गया। ये विष भरी बातें हैं। लेकिन इनको तुम इस तरह दोहराते हो कि तुमने जैसे विचार ही नहीं किया इन पर । अब यह बड़े मजे की बात है कि जो लोग निर - अहंकार की शिक्षा देते हैं, वे भी इन बातों में पड़े हैं। तुम जैन मुनि से जाकर पूछो तो वह कहेगा, जैन - कुल में पैदा होना बड़े पुण्यों से होता है। बाकी आदमी कोई आदमी थोड़े ! बाकी आदमी तो बस नाममात्र के आदमी हैं। जैन- कुल में पैदा होना बड़े पुण्यों से होता है, जन्म-जन्म के पुण्यों से होता है। अब यही आदमी रोज समझाता है निरहंकार; अहंकार छोड़ो; और बड़ी गहराई में अहंकार को पोषण दे रहा है 1 तुम ब्राह्मण से पूछो, वह कहता है, ब्राह्मण होना कोई साधारण बात थोड़े ! असाधारण बात है! तुम पुरुष से पूछो, पुरुष कहता है, पुरुष होने में धन्यता है, स्त्री होने में दुर्भाग्य है। शास्त्रों में लिखा है कि पहले तो मनुष्य होना बहुत दुर्लभ है, फिर पुरुष होना बहुत दुर्लभ है । फिर ब्राह्मण होना और भी दुर्लभ ! फिर इस भारत देश में पैदा होना, यह तो धर्म-देश है, यहां तो सदा धर्म की धारा बहती रही, यहां पैदा और भी दुर्लभ है ! बाकी सब तो मलेच्छ । मगर यही धारणा उनकी भी है । और तुम यह मत सोचना कि बड़े-बड़े मुल्कों की है, छोटे से छोटे मुल्क की भी धारणा यही है । I `यह धारणा मनुष्य के अहंकार की है। दुनिया में तीन सौ धर्म हैं और सभी धर्मों के मानने वालों की यही धारणा है । और दुनिया में कितने देश हैं ! और सभी देशों की यही धारणा है । और अब तो स्त्रियों ने भी घोषणा करनी शुरू कर दी है-और ठीक किया हैं, क्योंकि बहुत हो गया - अब पश्चिम में स्त्रियां घोषणा कर रही हैं कि स्त्री होना धन्यभाग है। पुरुष होने में क्या रखा है ! 1 पूरब के देशों में बूढ़ों के हाथों से शास्त्र लिखे गए, तो बूढ़े कहते हैं, बूढ़ों का आदर करो। क्योंकि बूढ़ों ने शास्त्र लिखे । पश्चिम में जवान किताबें लिख रहे हैं, वे कहते हैं कि तीस साल के ऊपर के किसी आदमी का भरोसा ही मुत करना । मैं एक बड़ी मजेदार घटना कल पढ़ रहा था । जेरी रूबिन, जिसने इस बात का नारा दिया अमरीका में कि तीस साल के ऊपर के आदमी पर भरोसा मत करना, तीस साल के बाद आदमी बेईमान हो ही जाता है, वह यह भूल ही गया यह कहने में कि तीस साल के ऊपर उसको भी एक दिन होना पड़ेगा। जब उसने यह कहा था, तब वह छब्बीस साल का था । भूल ही गया होगा जोश-खरोश में । फिर वह बत्तीस साल का हो गया । अमरीका में उसके पीछे एक आंदोलन चला - इप्पी | और इप्पियों ने सारे अमरीका में तहलका मचा दिया कि तीस साल के ऊपर जितने लोग हैं, सब बेईमान हैं। फिर एक दिन ऐसा आया कि वह तीस साल के ऊपर हो गया । एक दिन वह होटल से बाहर निकला, जहां ठहरा हुआ था, बाहर आया तो 333
SR No.002385
Book TitleDhammapada 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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