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अकेलेपन की गहन प्रतीति है मुक्ति
कर रहे हैं कि हम बड़े! कैसे तुम जीतोगे? तुम्हारे जीतने की कोई संभावना नहीं। तुम पागल हो जाओगे। ___थोड़ा सोचो। अपमान से दुख पाओगे और तुम कहोगे, दूसरे दुख दे रहे हैं। क्योंकि फलां आदमी ने अपमान कर दिया। गहरे जाओ, तुमने अगर सम्मान न मांगा होता, तो कोई तुम्हारा अपमान कर सकता था? करता रहे। तुम्हें छूता भी न। ___ रामकृष्ण कहा करते थे, एक चील एक मरे चूहे को लेकर उड़ रही थी। कोई पच्चीस चीलें उसका पीछा कर रही थीं, झपट्टे मार रही थीं। वह चील बड़ी परेशान थी कि ये मेरे पीछे क्यों पड़ी हैं! इसी झगड़े-झांसे में उसके मुंह से मरा चूहा छूट गया। छूटते ही पच्चीसों चीलें उसे छोड़कर मरे चूहे के पीछे चली गयीं। उसे अकेला छोड़ गयीं। वह एक वृक्ष पर बैठ गयी। वह सोचने लगी, इनमें से कोई भी मेरे खिलाफ न था। चूहे को मैंने पकड़ा था और ये भी चूहे को ही पकड़ना चाहती थीं। चूहे के छूटते ही बात खतम हो गयी। कोई दुश्मन न रहा।
अगर सारे लोग तुम्हारे दुश्मन हैं, तो तुमने कोई चूहा मुंह में पकड़ा होगा। उसी चूहे को वे भी पकड़ना चाहते हैं। तुम उन्हें दोष मत दो। जो तुम भूल कर रहे हो, कम से कम उतना अधिकार वही भूल करने का उन्हें भी दो। चूहे कम हैं, चीलें ज्यादा हैं। और चूहे कम होंगे ही, अन्यथा उनमें कोई अर्थ न रह जाएगा।
'अगर सम्मान मिलने की सभी को सुविधा हो, चार अरब आदमी सभी सम्मानित हो सकें, सभी को राष्ट्रपतियों के पुरस्कार मिल जाएं, भारत-भूषण हो जाएं, भारत-रत्न हो जाएं, महावीर चक्र बांट दिए जाएं--सभी को-तो महावीर चक्र का मतलब क्या रह जाएगा?
सम्मान का मूल्य है न्यूनता में। जितना न्यून हो उतना ही मूल्यवान है। अगर चालीस करोड़ के मुल्क में एक आदमी को सम्मान मिले तो मूल्य है। चालीस करोड़ को ही बांट दिया जाए-मुक्तहस्त-सभी भारत-रत्न, मूल्य समाप्त हो गया। फिर तो यह भी हो सकता है कि कोई आदमी जिद्द करे कि मुझे भारत-रत्न नहीं होना है। मैं अकेला, जो भारत-रत्न नहीं। तो उसमें सम्मान हो जाएगा।
तो जीवन का संघर्ष ऐसा है, न्यून का मूल्य होगा। अगर कोहिनूर हीरे सभी के पास हों, तो उनका कोई मूल्य नहीं रह जाता है। कोहिनूर चूंकि एक है, सभी के पास होने का उपाय नहीं है, वही उसका मूल्य है। रासायनिक-दृष्टि से तो हीरे में और कोयले में फर्क नहीं है। दोनों का रासायनिक संगठन एक जैसा है। कोयला ही दबा-दबा सदियों में हीरा बन जाता है। समय का फासला है। लेकिन कोयले की कौन पूजा करेगा? कोयले का कौन सम्मान करेगा? कोयला बहुतायत से है। न्यून होना चाहिए, तो सम्मान मिल सकता है। सम्मान का अर्थ यह हुआ कि जिसके लिए बहुत लोग संघर्ष कर रहे हों।
परसों रात एक संन्यासिनी ने मुझे आकर कहा—प्यारी संन्यासिनी है-उसने
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