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एस धम्मो सनंतनो
शलभ का मरना, नमूना नेह का बस दो बात खयाल रखनी जरूरी हैं :
दीप का जलना, चमकना गेह का जैसे-जैसे दीप जलता है, वैसे-वैसे घर रोशन होता है। जैसे-जैसे तुम जलोगे पीड़ा में, विरह में, खोज में, वैसे ही वैसे तुम्हारा भीतर का घर रोशन होने लगेगा। तुम्हारी जलन में ही ज्योति छिपी है।
ऐसे सुविधा से बैठे-बैठे, सब तरफ सुरक्षा से घिरे-घिरे, कदम भी न उठाने पड़ें और मंजिल पास आ जाए-तुम थोड़ा जरूरत से ज्यादा मांग रहे हो; तुम पात्रता के बिना मांग रहे हो। मंजिल आती है जरूर, सारा आकाश तुम्हें घेर लेता है। परमात्मा तुम में उतर आता है जरूर, लेकिन तुम खोजो तो। उतनी पहली शर्त तो . पूरी करो।
दीप का जलना, चमकना गेह का दीप जलता है तो घर में रोशनी होती है; तुम जलोगे तो तुम्हारे भीतर के गृह में रोशनी होगी। अहंकार को ऐसे ही जलाना है जैसे दीप की बाती जलती है।
शलभ का मरना, नमूना नेह का और जब परवाना मर जाता है तो प्रेम का जन्म होता है। दीप जलता है तो प्रकाश; जब अहंकार जलता है, तुम जब जलते हो, तो रोशनी। और तुम जब बिलकुल मिट जाते हो, खो जाते हो, तो प्रेम, प्रभु, परमात्मा! __ प्रश्नों के उत्तर नहीं हैं, समाधान हैं। समाधान का अर्थ है : 'तुम समाधि को पहुंचोगे तो।
__ मैं तुम्हें इतने उत्तर देता हूं, भूलकर भी यह मत सोचना कि कोई उत्तर तुम्हारे काम आ जाएगा। तुम पूछते हो, मैं देता हूं; न दूं, तुम बुरा मानोगे; न दूं तो तुम मेरे पास रहने का कारण भी न पाओगे। मैं यहां चुप बैठा रहं, तुम विदा हो जाओगे।
मैं जो उत्तर दे रहा हूं, वे केवल तुम्हें थोड़ी देर और अटकाए रखने को हैं; थोड़ी देर और तुम पास बने रहो; थोड़ी देर और तुम इन प्रश्न-उत्तर के खिलौनों से खेलते रहो। शायद यह समय का बीतना ही तुम्हारे बोध के जन्म के लिए कारण बन जाए। शायद खिलौनों से खेलते-खेलते, प्रश्न पूछते-पूछते, उत्तर लेते-लेते, तुम्हें भी दिखाई पड़ जाए कि कितने प्रश्न पूछे हैं, कितने उत्तर पाए हैं, प्रश्न तो वहीं का वहीं खड़ा है, उत्तर तो कोई मिला नहीं। तो शायद एक ऐसी घड़ी बोध की धीरे-धीरे परिपक्वता में आ जाए कि तुम इन प्रश्न-उत्तर के खिलौनों को छोड़ दो, आंख खोलो
और जीवन की दिशा में बुद्धिमात्र से नहीं, अपनी समग्रता से-अभियान पर निकल जाओ।
मेरे उत्तर तुम्हारे काम नहीं पड़ेंगे, यह जानकर तुम्हें उत्तर दे रहा हूं। जिस दिन तुम्हें भी यह समझ में आ जाएगा कि किसी और के उत्तर किसी दूसरे के काम नहीं
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