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शब्द : शून्य के पंछी
पागल की गल्प नहीं अर्थरहित जल्प नहीं मानव के अंतर में जो कुछ उत्तमतर हैं उसके अभिव्यंजन का
जीवन यह अवसर है
सुख में वह केवल जो
इस तप में तत्पर है
यह जीवन या तो पागल के द्वारा कही गई कथा हो जाएगी। शेक्सपीयर का प्रसिद्ध वचन है : ए टेल टोल्ड बाई एन ईडीयट, फुल आफ फ्युरी एंड न्वाइज, सिगनीफाइंग नथिंग। एक मूर्ख के द्वारा कही गई कथा, शोरगुल बहुत, अर्थ कुछ भी नहीं । पागल की गल्प, अर्थरहित जल्प ।
साधारणतः तो जीवन ऐसा ही है - जैसे सेमर फूल । इधर खिला नहीं, इधर बिखरने की तैयारी हुई। इधर आया नहीं कि जाना शुरू हो गया । जन्म क्या हुआ, मौत में हुआ। सफलता का कदम ही विफलता का कदम बन जाता है।
- इसे जरा गौर से देखो ! यश क्या मिला, गालियां पड़ने लगीं। फूल क्या हाथ में लिया, कांटे चुभ गए। प्रेम क्या किया, घृणा की आंधियों को निमंत्रण दे दिया । सुख क्या मांगा, दुख बरसने लगा ।
थोड़ा जीवन को देखो ! जो चाहते हो, उससे उलटा हो रहा है। जो मांगते हो, उससे उलटा हो रहा है। जो मानते हो, वैसा कभी होता ही नहीं; और जो होता है, उसको तुम देखते नहीं ।
तुम पागल हो । हजार बार सुख मांगकर दुख पाते हो, फिर भी यह नहीं देखते कि सुख की मांग में ही दुख का आना छिपा है। तुमने मांगा, तुमने पुकारा सुख को, सुनता है दुख, आता है दुख । तुम आवाज सुख को ही देते चले जति हो, दुख आता ही चला जाता है। ऐसा लगता है कि सुख दुख का नाम है; सफलता विफलता का नाम है। और जिसे तुम जीवन कहते हो, वह मृत्यु का आवरण है।
यह तुम्हें दिखाई पड़े, यह तुम्हें थोड़ा समझ में आए, तो इसमें चलना, इसमें जीवन की ऊर्जा को व्यय करना, इसमें अवसर को खोना, सब जैसे एक पागल कहानी कह रहा हो, जिसमें न कोई ओर-छोर है, न कोई सार संगति है। मरते वक्त तुम ऐसा ही पाओगे कि यह सब जो घटा, एक दुख- स्वप्न था या सच में हुआ ? नहीं, लेकिन यह तुम्हारी भूल है; यह जीवन का स्वभाव नहीं है। यह तुम्हारे देखने का गलत ढंग है।
पागल की गल्प नहीं अर्थरहित जल्प नहीं
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