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________________ मंथन कर, मंथन कर एक क्षण को भी हो जाए तो कुंजी तो हाथ लग गई। फिर तुम्हारे हाथ में है। फिर जितने पर तौलने हों, तौलना। फिर जितने दूर की ऊंचाई भरनी हो, उड़ान भरनी हो, भरना। एक बार तुम्हें खयाल में आ जाए। अभी तो जैसी दशा है...। साहित्य कला पूजा नमाज जंतर-मंतर जप जोग-भोग थे सिर्फ बहाने वे जिससे आए हमको अपना न ध्यान साहित्य भी, कला भी, पूजा भी, नमाज भी! जंतर-मंतर जप जोग-भोग थे सिर्फ बहाने वे जिससे आए हमको अपना न ध्यान किसी तरह अपने को भूले रखें। किसी तरह यह याद न आए कि मैं हूं। किसी तरह व्यस्त रहें, कहीं उलझे रहें। खाली होने में डर लगता है। खाली होने की बजाय तुम जिंदगी को कांटों से भरा ही ज्यादा पसंद करोगे। कम से कम भरावट तो रहती है। खाली होने की बजाय तुम दुखी होना ही ज्यादा पसंद कर रहे हो। कम से कम कुछ तो होता है हाथ में-दुख ही सही! खाली होने की बजाय तुम आंसू चुन लोगे। कम से कम आंखें भरी तो हैं, डबडबाई तो हैं, खाली तो नहीं हैं। खाली से आदमी बहुत डरता है। और खाली हो जाना परमात्मा का घर है। इसलिए बुद्ध ने शून्य को ध्यान कहा। चाहे, ध्यान को शून्यता कहो, चाहे शून्यता को ध्यान कहो, वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। __ जागो तो तुम बहुत सी बातें पाओगे। एकः कि किसी ने तुम्हें दुख कभी दिया नहीं। अचानक एक मुक्ति का अनुभव होगा। किसी ने कभी तुम्हें कोई दुख नहीं दिया। और किसी ने कभी तुम्हें कोई सुख नहीं दिया। तुम मुक्त हो गए। यह अपना ही जाल था। यह अपना ही खेल था। रात के अंधेरे में खुद ही कांटे बो लेते थे, दिन में उन पर चलते थे और तडपते थे। सुख की आकांक्षा करते थे, जितनी प्रगाढ़ करते थे, उतने ही पीड़ा के कांटे गहरे हो जाते थे। जितनी पीड़ा गहरी होती थी, उतनी सुख की आकांक्षा को और गहराना पड़ता था। क्योंकि इस पीड़ा को भुलाने के लिए अब और भी बड़े सुख की कल्पना, बड़े स्वर्ग बनाने पड़ते थे। __जिन दिन तुम जागकर देखोगे, यह पूरा का पूरा खेल ऐसा साफ आर-पार, पारदर्शी हो जाता है। कुछ करना नहीं होता। एक मुस्कुराहट तुम्हारे तन-प्राण पर फैल जाती है। तुम हंसते हो सिर्फ; यह जानकर कि यह भी कैसा पागलपन था! यह कैसा खेल अपने साथ खेला! 237
SR No.002380
Book TitleDhammapada 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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