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________________ एस धम्मो सनंतनो उनकी तलाश करना-कल्याण मित्रों की, सदगुरुओं की—जो तुम्हारे जीवन की अंतर दशा को बदलने में संगी-साथी हो जाते हैं। बदलते तो तुम्हीं हो, लेकिन उनकी मौजूदगी में भरोसा आ जाता है। ___ जैसे मां बैठी हो, तो छोटा बच्चा चलने की कोशिश करता है सुगमता से; डरता नहीं। देख लेता है लौट-लौटकर कि मां बैठी है, कोई फिक्र नहीं। गिरेगा भी तो भी उठा लिया जाएगा। कोई हाथ फैले हुए हैं पास। किसी के प्रेम ने साया दिया है। कोई छाया चारों तरफ से घेरे हुए है। तो दूर-दूर जाने की कोशिश भी करता है। आंगन के पार निकल जाता है। लौट-लौटकर देखता रहता है। देखा बच्चे को? लौटकर देख लेता है कि मां है या नहीं? एक चोरी-छिपे नजर डाल लेता है। अगर मां हट गई, रुक जाता है, वापस लौटने लगता है। तब आंगन के बाहर जाना खतरनाक है। तुमने देखा छोटा बच्चा गिर जाए तो पहले देखता है कि मां है आसपास या नहीं: अगर मां हो तो रोता है, अगर मां न हो तो नहीं रोता। बड़ी हैरानी की बात है। इतना छोटा बच्चा, इतना गहरा गणित पहचान गया कि सार क्या है! रोना किसके लिए है? कौन बुझाएगा? कौन समझाएगा? कौन आकर सिर थपथपाएगा? यहां कोई भी नहीं है। इतनी भी आशा रखनी फिजूल है कि आंसू बहाओ। उठकर कपड़े झाड़कर...। छोटा बच्चा चोट से नहीं रोता, प्रेम के भरोसे से रोता है। चोट काफी नहीं है रुलाने को। अगर कोई सहानुभूति मिलने की संभावना ही न हो तो क्या सार! जैसे ही तुम अंतर्जगत के आकाश में यात्रा करते हो, फिर छोटे बच्चे हो गए। फिर कोई चाहिए, जिसकी हिम्मत के साथ तुम बढ़ सको। जो तुमसे कभी कह सके बढ़ा दी इतना कहकर शमा ने परवानों की हिम्मत है जलना काम उनका जो हैं दिल वाले जिगर वाले इतनी बात भी कोई कह दे। शमा इतना ही कह दे, तो परवानों की हिम्मत जलने की हो जाती है। है जलना काम उनका जो हैं दिल वाले जिगर वाले कोई तुम्हारी पीठ ठोंक दे। कोई कहे कि ठीक, शाबाश! कोई कहे कि पहचान ली, तुम्हारे पैर में ताकत है; पहुंच जाओगे। कोई कहे कि इन्हीं घड़ियों से हम भी गुजरे थे। वे घड़ियां गुजर गयीं, कठिन थे दिन, तुम्हारे भी गुजर जाएंगे। ___ एक आस्था पैदा होती है। एक अनूठा बल पैदा होता है। किसी अनजाने मार्ग से शक्ति के स्रोत खुल जाते हैं। वे हैं अमीर निजामे-जहां बनाते हैं मैं हूं फकीर मिजाजे-जहां बदलता हूं नेता और गुरु का फर्क समझ लेना। नेता है वह, जो समाज की परिस्थितियां, 226
SR No.002380
Book TitleDhammapada 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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