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मौन में खिले मुखरता
है, भीतर से भी मुक्त होना है। पहले बाहर से मुक्त हो लो, तब तत्क्षण तुम पाओगे कि जिसे हमने भीतर कहा था, वह बाहर की तुलना में भीतर था। जैसे ही बाहर से तुम मुक्त हुए, वैसे ही तुम पाओगे कि अब तक जो भीतर मालूम पड़ता था, अब वह भी बाहर मालूम पड़ता है। क्योंकि तुम्हारी तुलना में तो वह भी बाहर है। तुम तो वहां हो जहां बाहर भी नहीं है और भीतर भी नहीं है-तुम तो साक्षी-मात्र हो।
दुख से तो मुक्त होना ही है, सुख से भी मुक्त होना है। दुख तो बांधता ही है, सुख भी बांध लेता है। इसलिए सिर्फ हमारे मुल्क में तीन शब्द हैं, सारे संसार में कहीं नहीं हैं, क्योंकि इतनी गहरी किसी ने कभी खोज नहीं की: स्वर्ग है, नरक है, मोक्ष है। ईसाइयत के पास दो शब्द हैं : स्वर्ग और नरक। इस्लाम के पास दो शब्द हैं : स्वर्ग और नरक। सिर्फ इस देश में हमारे पास तीन शब्द हैं : स्वर्ग, नरक और मोक्ष। नरक यानी पाप, पाप का फल, पाप की सघनता। स्वर्ग यानी पुण्य, पुण्य का फल, पुण्य की सघनता। मोक्ष-दोनों के पार।
जिसने दुख छोड़े, एक दिन पाता है कि सुख भी छोड़ देने योग्य है। क्योंकि सुख में भी उत्तेजना है। और जब तक सुख है तब तक किसी न किसी तरह दुख भी कहीं छिपा हुआ कोने-कातर में बना ही रहेगा, नहीं तो सुख का पता कैसे चलेगा? तुम्हें आनंद का भी पता इसीलिए चलेगा, क्योंकि तुमने बहुत दिन तक आनंदरहितता का अनुभव किया था। आनंद को भी छोड़ जाना है। जाना है, पहुंचना है वहां, जहां कोई अनुभव न रह जाए-क्योंकि सभी अनुभव बांधते हैं-जहां तुम शुद्ध चैतन्य रह जाओ: कैवल्य, मोक्ष, निर्वाण। निश्चित ही, आनंद से भी तसल्ली न होगी।
किसी सूरत किसी उन्वां से तलाफी न हुई
किस कदर तल्ख हकीकत है न मिलना तेरा दुख से तो होगी ही नहीं तृप्ति, किसकी होती है? सुख से भी नहीं होती! जब तक कि सत्य ही न मिल जाए, परमात्मा ही न मिल जाए, जब तक कि तुम परमात्मा ही न हो जाओ...।
किसी सूरत किसी उन्वां से तलाफी न हुई
किस कदर तल्ख हकीकत है न मिलना तेरा न मिलना परमात्मा का, सत्य का, आत्मा का कोई भी नाम दो-बड़ी कठिन वास्तविकता है। कुछ भी और तुम पालो, पाते ही पाओगे, मंजिल आगे सरक गई। दुख छोड़ो, सुख पा लो; बाहर जाना छोड़ो, भीतर आना शुरू कर दो; बाहर जाने की बजाय भीतर आना बेहतर; दुख की बजाय सुख बेहतर–लेकिन वह तुलना दुख से है, स्वयं से नहीं। स्वयं तो तुम वही हो जहां न कोई दुख उठता है, न कोई सुख। तुम सिर्फ बोध मात्र हो।
कभी सफेद बादल घिरते आकाश में, कभी काले बादल-आकाश दोनों से
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