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केवल शिष्य जीतेगा
'इस शरीर को फेन के समान जान।'
शिष्य को कह रहे हैं यह बात बुद्ध, विद्यार्थी को नहीं। विद्यार्थी से बुद्धों का कोई मिलना ही नहीं होता। केवल शिष्यों से। जो वस्तुतः आतुर हैं, और जिनका जीवन एक लपट बन गई है-एक खोज, और जो सब कुर्बान करने को राजी हैं। जिन्हें जीवन में ऐसी कोई बात दिखाई ही नहीं पड़ती जिसके लिए रुके रहने की कोई जरूरत हो। जो अज्ञात की तरफ जाने को तत्पर हैं। जो ज्ञान को छोड़कर अज्ञान को स्वीकार किए हैं, केवल वे ही ज्ञात से मुक्त होते हैं और अज्ञात में उनका प्रवेश होता है। उनसे ही बुद्ध कह रहे हैं
'इस शरीर को फेन के समान जान।'
समुद्र के तट पर तुमने फेन को इकट्ठे होते देखा है। कितना सुंदर मालूम होता है। दूर से अगर देखा हो तो बड़ा आकर्षक लगता है। कभी सूर्य की किरणें उससे गुजरती हों तो इंद्रधनुष फैल जाते हैं फेन में। पास आओ, पानी के बबूले हैं। वह शुभ्रता, वह चांद जैसी सफेदी, या चमेली के फूल जैसी जो बाढ़ आ गई थी, वह कुछ भी नहीं मालूम पड़ती। फिर हाथ में, मुट्ठी में फेन को लेकर देखा है? बबूले भी खो जाते हैं।
जिंदगी आदमी की बस ऐसी ही है। फेन की भांति। दूर से देखोगे, बड़ी सुंदर; पास आओगे, सब खो जाता है। दूर-दूर रहोगे, बड़े सुंदर इंद्रधनुष दिखाई पड़ते रहेंगे; पास आओगे, हाथ में कुछ भी नहीं आता।।
सुनते हैं चमन को माली ने फूलों का कफन पहनाया है ___ दूर से फूल दिखाई पड़ते हैं, पास आओ कफन हो जाता है। जिसको तुम जिंदगी कहते हो, दूर से जिंदगी मालूम होती है, पास आओ मौत हो जाती है।
__ सुनते हैं चमन को माली ने फूलों का कफन पहनाया है
चारों तरफ जहां-जहां तुम्हें फूल दिखाई पड़ें, जरा गौर से पास जाना, हर फूल में छिपा हुआ कांटा तुम पाओगे। हर फूल चुभेगा। हां, दूर से ही देखते रहो तो भ्रांति बनी रहती है। पास जाने से भ्रांतियां टूट जाती हैं। दूर के ढोल सुहावने मालूम होते हैं। दूर से सभी चीजें संदर मालम होती हैं।
तुमने कभी खयाल किया, दिन में चीजें उतनी संदर नहीं मालूम पड़ती जितनी रात की चांदनी में मालूम पड़ती हैं। चांदनी एक तिलिस्म फैला देती है, क्योंकि चांदनी एक धुंधलका दे देती है। वैसे ही आंखें नहीं हैं, वैसे ही अंधापन है, चांदनी और आंखों को धुएं से भर देती है। जो चीजें दिन में साधारण दिखाई पड़ती हैं, वे भी रात में सुंदर होकर दिखाई पड़ने लगती हैं। जितना तुम्हारी आंखों में धुंध होता है, उतना ही जीवन का फेन बहुमूल्य मालूम होने लगता है। हीरे-जवाहरात दिखाई पड़ने लगते हैं।
लो आओ मैं बताऊं तिलिस्मे-जहां का राज
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