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________________ अस्तित्व की विरलतम घटना : सदगुरु पहला प्रश्न: बुद्ध कहते हैं, वासना दुष्पूर है। उपनिषद कहते हैं, जिन्होंने भोगा उन्होंने ही त्यागा। आप कहते हैं, न भोगो न त्यागो वरन जागो। कृपया इन तीनों का अंतर्संबंध स्पष्ट करें। अंत संबंध बिलकुल स्पष्ट है। 'बुद्ध कहते हैं, वासना दुष्पूर है। बुद्ध वासना का स्वभाव कह रहे हैं। कोई कितना ही भरना चाहे, भर न पाएगा। इसलिए नहीं कि भरने की सामर्थ्य कम थी। भरने की सामर्थ्य कितनी ही हो, तो भी न भर पाएगा। ऐसे ही जैसे पेंदी टूटे हुए बर्तन में कोई पानी भरता हो। इससे कोई सामर्थ्य का सवाल नहीं है, पेंदी ही नहीं है तो बर्तन दुष्पूर है। न सामर्थ्य का सवाल है, न सुविधा का, न संपन्नता का। गरीब की इच्छाएं भी अधूरी रह जाती हैं, अमीर की भी। दरिद्र की इच्छाएं भी अधूरी रह जाती हैं, सम्राटों की भी। सिकंदर भी उतना ही खाली हाथ मरता है जितना राह का भिखारी। दोनों के हाथ खाली होते हैं। क्योंकि, वासना दुष्पूर है। बुद्ध सिर्फ वासना का स्वभाव कह रहे हैं। उपनिषद कहते हैं, जिन्होंने भोगा उन्होंने ही त्यागा। अब जो भोगेंगे, वही 31
SR No.002378
Book TitleDhammapada 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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