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आत्मक्रांति का प्रथम सूत्र : अवैर
फिर तुम यह नहीं पूछते कि यह ज्योति कहां गयी? बुद्ध कहते हैं, ऐसा ही निर्वाण है। मैं चाहूंगा कि तुम फूंक मारो और अपने को बुझा दो। और फिर मत पूछो कि कहां गए। खो गयी अनंत में, हो गयी एक 'एक' के साथ! मगर पूछो मत कहां गयी! निराकार के साथ एक हो गयी। मगर पूछो मत! कहने में बात बिगड़ जाएगी। चुप्पी और चुप्पी में समझ लो।
ऐसे, बड़े गहन बुद्ध के विश्लेषण और निषेध में हम उतरेंगे। अगर तुम हिम्मतपूर्वक बुद्ध के विश्लेषण में उतर जाओ, तो बुद्ध तुम्हें परम स्वास्थ्य की दशा में ला सकते हैं।
आज इतना ही।