SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 41
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ एस धम्मो सनंतनो शेष सब तुम पा लोगे जो उपनिषदों ने कहा है, वेदों ने कहा है, कुरान ने कहा है, बाइबिल ने कहा है। लेकिन बुद्ध उसको कहते नहीं, इस बात को स्मरण रखना। जो पाना है, वह पाकर ही जाना जाएगा। उसकी चर्चा व्यर्थ है। और उसकी चर्चा खतरनाक है। झेन फकीर हैं जापान में-बुद्ध को प्रेम करते हैं, सुबह-सांझ पूजा करते हैं लेकिन वे कहते हैं, अगर बुद्ध का भी बहुत ज्यादा विचार मन में आने लगे और बुद्ध के प्रति भी बहुत ज्यादा लगाव बनने लगे, तो सावधान ! कहीं नींद में नया सपना तो नहीं आ रहा है! झेन फकीर कहते हैं, अगर बुद्ध रास्ते पर मिल जाएं, उठाकर तलवार काट देना। बोकोजू अपने गुरु के पास था। उसके गुरु ने कहा कि देख, अब वह खतरा करीब आ रहा है जब बुद्ध तुझे रास्ते पर मिलेंगे। डरना मत। लगाव भी मत करना। राग मत लगाना। उठाकर तलवार काट देना; दो टुकड़े, खंड-खंड कर देना बुद्ध के। चाहे तोड़कर नमस्कार कर लेना, लेकिन पहले तोड़ देना। बोकोजू ने कहा, लेकिन तलवार? कहां से तलवार लाऊंगा वहां ? गुरु ने कहा, घबड़ा मत, जहां से बुद्ध को लाया-कल्पना का सब जाल है-वहीं से तलवार भी ले आना। उठाकर तलवार काट ही देना। कहीं ऐसा न हो कि बुद्ध का सपना आने लगे। ____ बुद्ध ने सपने को कोई सहारा नहीं दिया। बुद्ध से बड़ा मूर्तिभंजक जगत में नहीं हुआ है। और बड़े विडंबना की बात है, बुद्ध से ज्यादा मूर्तियां किसी की नहीं हैं। और उनसे बड़ा मूर्तिभंजक कोई नहीं है! ___उर्दू में शब्द है बुद्ध के लिए, बुत। बुत जो है, जिसका मतलब अब मूर्ति होता है, बुद्ध का ही बिगड़ा हुआ रूप है। इतनी मूर्तियां बनीं बुद्ध की कि बुद्ध शब्द बुत होकर मूर्ति का ही पर्यायवाची हो गया। और इतना बड़ा मूर्तिभंजक कोई भी नहीं! बुद्ध की तलवार तुम्हें काटेगी, तुम्हें खंड-खंड करेगी। तुम्हारी श्रद्धाओं, विश्वासों को, तुम्हारी मान्यताओं को तोड़ेगी, ताकि तुम ही बचो तुम्हारी शुद्धता में, तुम्हारी परिपूर्ण निर्दोषता में, तुम्हारे क्वारेपन में। वही बच जाए जो काटा नहीं जा सकता; नैनं छिंदंति शस्त्राणि-जिसे छेदा नहीं जा सकता, जिसे जलाया नहीं जा सकता। बुद्ध छेदेंगे और जलाएंगे, ताकि जो छेदा जा सकता है वह छिद जाए, जो जलाया जा सकता है वह जल जाए और फिर तुम बच जाओ तुम्हारी परिशुद्ध अवस्था में। वही वेदों का ब्रह्म है; महावीर का कैवल्य है; कपिल और कणाद का मोक्ष है; बुद्ध का वही निर्वाण है। निर्वाण शब्द नकारात्मक है। निर्वाण का अर्थ होता है, दीए को फूंककर बुझा देना। एक दीया जल रहा है, अंधेरी रात है; तुमने फूंक मारी और दीया बुझ गया; 28
SR No.002378
Book TitleDhammapada 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy