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ताओ उपनिषद भाग६
यही मैं सिरदर्द के संबंध में कहता हूं। और यही तुम्हारे जीवन की बहुत सी चीजों के संबंध में तुम प्रयोग करके देखना। अलग-अलग होंगे उपद्रव तुम्हारे जीवन में, लेकिन स्वीकार करना, अहोभाव से स्वीकार करना, और फिर देखना, तुमने उनका प्राण ही छीन लिया! तुमने उनकी जड़ काट दी! तुमने मूल स्रोत पर चोट कर दी!
आज इतना ही।
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