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Chapter 52
STEALING THE ABSOLUTE
There was a beginning of the universe, Which may be regarded as the Mother of Universe. From the Mother, we may know her sons. After knowing the sons, keep to the Mother. Thus one's whole life may be preserved from harm. Stop its apertures, close its doors, And one's whole life is without toil. Open its apertures, be busy about its affairs, And one's whole life is beyond redemption He who can see the small is clear-sighted; He who stays by gentility is strong. Use the light, and return to clear-sightednessThus cause not yourself later distress. - This is to rest in the Absolute.
अध्याय 52
परभ की चोरी
ब्रह्मांड का एक आदि था, जिसे ब्रह्मांड की माता माना जा सकता है। माता से हम उसके पुत्रों को जान सकते हैं। पुत्रों को जान कर, माता से जुड़े रहो, इस प्रकार व्यक्ति का पूरा जीवन हानि से बचाया जा सकता है। उसके छिद्रों को भर दो, उसके द्वारों को बंद करो, और व्यक्ति का पूरा जीवन श्रम-मुक्त हो जाता है। उसके छिद्रों को खुला छोड़ दो, उसके कारोबार में व्यस्त रहो, और फिर आजीवन मुक्ति का कोई उपाय नहीं हैं। जो लघु को देख सके, वह स्पष्ट दृष्टि वाला है, जो कुलीनता के साथ जीता है, वह बलवान हुँ। प्रकाश को काम में लाओ, और स्पष्ट दृष्टि को पुनः प्राप्त करो। इस प्रकार अपने को बाद में आने वाली पीड़ा से बचा सकते हो। - इसे ही परम में विश्राम करना कहते हैं।