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Chapter 22 : Part 2
FUTILITY OF CONTENTION
He does not reveal himself, And is therefore luminous. He does not justify himself, And is therefore far-famed. He does not boast of himself, And therefore people give him credit. He does not pride himself, And is therefore the chief among men: It is because he does not contend That no one in the world can contend against him. Is it not indeed true, as the ancients say, "To yield is to be preserved whole?' Thus he is preserved and the world does him homage.
अध्याय 22 : खंड 2 संघर्ष की व्यार्थता
वे अपने को प्रकट नहीं करते, और इसलिए ही वे दीप्त बने रहते हैं। वे अपना आँचित्य सिद्ध नहीं करते, इसलिए दूर-दिगंत उनकी ख्याति जाती है। वे अपनी श्रेष्ठता का दावा नहीं करते, इसलिए लोग उन्हें श्रेय देते हैं। वे अभिमानी नहीं है, और इसीलिए लोगों के बीच अग्रणी बने रहते हैं। चूंकि वे किसी वाद की प्रस्तावना नहीं करते, इसलिए दुनिया में कोई भी उनसे विवाद नहीं कर सकता है। और क्या यह सही नहीं है, जैसा कि कठा है प्राचीनों ने समर्पण में ही संपूर्ण की सुरक्षा और इस तरह संत सुरक्षित रहते हैं और संसार उनको सम्मान देता है।