________________
Chapter 21
MANIFESTATIONS OF TAO
The marks of great Character follow alone from the Tao. The thing that is called Tao is elusive, evasive. Elusive, evasive, yet latent in it are forms. Elusive, evasive, yet latent in it are objects. Dark and dim, yet latent in it is the life-force. The life-force being very true, Latent in it are evidences. From the days of old till now Its Named (manifested forms) have never ceased, By which we may view the Father of All Things. How do I know the shape of Father of All Things? Through These!
अध्याय 21
জঙ্গিী
চা
Cউগ্রী।
परम आचार के जो सूत्र है, वे केवल ताओ से ही उदभूत होते हैं। और जिस तत्व को हम कहते हैं ताओ, वह हैं पकड़ के बाहर और दुर्गाख दुखि आँर पकड़ के बाहर, तथापि उसमें ही सब रुप छिपे हैं। दुर्गाख और पकड़ के बाहर, तथापि उसमें ही समस्त विषय निहित है। अंधेरा और धुंधला, फिर भी छिपी जीवन-ऊर्जा उसी में। जीवन-ऊर्जा बहुत सत्य, इसके प्रमाण भी उसमें ही प्रच्छन्न है। प्राचीन काल से आज तक इसकी नाम-रूपात्मक अभिव्यक्तियों का अंत नहीं आया,
और हम उसमें देख सकते हैं सभी वस्तुओं के जनक को। लेकिन सभी वस्तुओं के जनक के आकार को मैं कैसे जानता हूं? इन्ही के द्वारा, इन्ही अभिव्यक्तियों के द्वारा।