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Chapter 28 : Part 1
KEEPING TO THE FEMALE
He who is aware of the Male But keeps to the Female Becomes the ravine of the world. Being the ravine of the world, He has the original character which is not cut up, And returns again to the innocence of the) babe. He who is conscious of the white (bright) But keeps to the black (dark) Becomes the model for the world. Being the model for the world, He has the eternal power which never erts, And returns again to the Primordial Nothingness.
अध्याय 28 : खंड 1
नांण में वास
जो पुरुष को तो जानता है, लेकिन स्त्रैण में वास करता है, वह संसार के लिए घाटी बन जाता है।
और संसार की घाटी ठोकर, वह उस मूल स्वरूप में स्थित रहता है, जो अखंड है। और वह पुनः शिशुवत निर्दोषता को उपलब्ध हो जाता है। जो शुक्ल (प्रकाश) के प्रति होशपूर्ण है, लेकिन कृष्ण (अंधेरे) के साथ जीता है, वह संसार के लिए आदर्श बन जाता है।
और संसार का आदर्श ठोकर, उसको वह सनातन शक्ति प्राप्त हो जाती है, जो कभी भूल नहीं करती। और वह पुनः अनादि अनस्तित्व में वापस लौट जाता है।