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________________ ताओ उपनिषद भाग ३ 134 लाओत्से को समझना है तो मन को साफ कर लें सब जानकारी से; कृष्ण को समझना है तो मन को साफ कर लें सब जानकारी से। उनको समझ लें; और समझ लें करने के लिए। पंडित समझता है तुलना करने के लिए, करने के लिए नहीं। वह समझता है कि ठीक, अच्छा लाओत्से ने यह कहा, कृष्ण ने क्या कहा, बुद्ध ने क्या कहा। किसने क्या कहा, वह इसका हिसाब लगाता है। बुद्ध कहते थे कि मेरे गांव में एक आदमी था जो रास्ते के किनारे बैठ कर रोज सुबह जंगल जाती हुई गाय-भैंसों को गिनता था, सांझ आती गाय-भैंसों को गिनता था । मैंने उससे पूछा कि तू बड़ा हिसाब लगाता है, बात क्या है ? उसने कहा कि इतनी गाएं सुबह गईं, इतनी सांझ लौटीं। बुद्ध ने पूछा, इसमें तेरी कितनी हैं ? उसने कहा, मेरी तो एक भी नहीं। ये तो गांव की हैं, मैं तो ऐसे बैठ कर गिनती करता रहता हूं। तो बुद्ध ने कहा कि वह आदमी मुझे कई बार जिंदगी में मिलता है, बहुत-बहुत रूपों में । कुछ लोग हिसाब लगाते रहते हैं - वेद ने क्या कहा, कुरान ने क्या कहा, बाइबिल ने क्या कहा । आपकी गाएं कितनी हैं ? आपका अनुभव कितना है ? ऐसा किसने क्या कहा, और किसने किसके विपरीत कहा और अनुकूल कहा, और कौन किसके साथ एक है, और किसकी शैली भिन्न है, और किसके शब्द भिन्न हैं, इस सब गोरखधंधे से क्या मिलने वाला है? आज इतना ही। अब पांच मिनट कीर्तन करें।
SR No.002373
Book TitleTao Upnishad Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1995
Total Pages432
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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