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इस संबंध में और अधिक न कह कर, मैं चाहता हूं कि आप इन प्रवचनों को सीधे पढ़ें-और स्वयं अनुभूति करें कि कैसे-कैसे अनूठे सार-सूत्रों की संपदा आपकी प्रतीक्षा कर रही थी। ताओ के इस विलक्षण लोक में आपको निमंत्रण है।
स्वामी चैतन्य कीर्ति संपादकः ओशो टाइम्स इंटरनेशनल