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अद्वैत सत्य की उपलब्धि द्वंद्व की पूरी-पूरी सार्थकता को समझ लेने से संभव होती है। और द्वंद्व की पूरी सार्थकता समझनी हो, तो लाओत्से कहता है कि जहां भी पाजिटिव हो, विधायक हो, वहां निगेटिव को खोजना, नकारात्मक को खोजना। और तुम पाओगे कि नकारात्मक पर ही सारा विधायक खड़ा हुआ है। और जब दोनों ही खो जाएं, तो वह उपलब्ध होता है, जिसे उपलब्ध करने के बाद फिर कुछ और उपलब्ध करने को शेष नहीं रह जाता है।
अबस्तित्व ऑर वालीपन आधार सब का
आज इतना ही। पाच मिनट रुकेंगे, कीर्तन में सम्मिलित हों। और बैठे न रहें, सम्मिलित हों, भागीदार बनें।