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________________ Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free ताओ उपनिषाद (भाग-1) प्रवचन-18 घाटी-सदृश, स्त्रैण व रहस्यमयी परम सत्ता-(प्रवचन-अठाहरवां) अध्याय 6: सूत्र 1 व 2 घाटी की आत्मा 1. 1. घाटी की आत्मा कभी नहीं मरती, नित्य है। इसे हम स्त्रैण रहस्य, ऐसा नाम देते हैं। इस स्त्रैण रहस्यमयी का द्वार स्वर्ग और पृथ्वी का मूल स्रोत है। 2. 2. यह सर्वथा अविच्छिन्न है; इसकी शक्ति अखंड है; इसका उपयोग करो, और इसकी सेवा सहज उपलब्ध होती है। जिसका जन्म है, उसकी मृत्यु भी होगी। जो प्रारंभ होगा, वह अंत भी होगा। वही केवल मृत्यु के पार हो सकता है, जिसका जन्म न हो। और वही केवल अनंत हो सकता है, जो अनादि हो। प्रकाश जन्मता है, मिट जाता है। अंधकार सदा है। शायद इस भांति कभी न सोचा हो। सूर्य निकलता है, सांझ ढल जाता है। दीया जलता है, बाती चुक जाती है, बुझ जाती है। जब दीया नहीं जला था, तब भी अंधकार था। जब दीया जला, अंधकार हमें दिखाई नहीं पड़ा। दीया बुझ गया, अंधकार अपनी जगह है। अंधकार का बाल भी बांका नहीं होता। और अंधकार कभी बुझता नहीं। और अंधकार का कभी अंत नहीं आता, क्योंकि अंधकार का कभी प्रारंभ नहीं होता। प्रकाश का प्रारंभ होता है, इसलिए प्रकाश का अंत होता है। और भी मजे की बात है, प्रकाश को हम पैदा कर सकते हैं, इसलिए प्रकाश को हम मिटा भी सकते हैं। अंधकार को हम पैदा नहीं कर सकते, इसलिए अंधकार को हम मिटा भी नहीं सकते। अंधकार की शक्ति अनंत है। प्रकाश की शक्ति अनंत नहीं है। लाओत्से कहता है, घाटी की आत्मा अमर है। दि वैली स्पिरिट डाइज नॉट। नहीं, कभी घाटी की आत्मा नहीं मरती। एवर दि सेम, वही बनी रहती है। जैसी है, वैसी ही बनी रहती है। यह घाटी की आत्मा क्या है? जहां भी पर्वत-शिखर होंगे, वहां घाटी भी होगी। लेकिन पर्वत पैदा होते हैं और मिट जाते हैं; घाटी न पैदा होती, न मिटती। घाटी का अर्थ है, दि निगेटिव, वह जो निषेधात्मक है, अंधकार। पहाड़ का अर्थ है, पाजिटिव, विधायक, जो है। ठीक से समझें तो घाटी क्या है? घाटी किसी चीज का अभाव है। पहाड़ किसी चीज का भाव है, किसी चीज का होना है। प्रकाश किसी चीज का होना है। अंधकार अभाव है, एब्सेंस है, अनुपस्थिति है। मैं इस कमरे में हूं, तो मुझे बाहर निकाला जा सकता है। जब मैं इस कमरे में नहीं हूं, तो मेरी अनुपस्थिति, माई एब्सेंस इस कमरे में होगी। उसे आप बाहर नहीं निकाल सकते। अनुपस्थिति को छूने का कोई उपाय नहीं है। अगर मैं जिंदा हूं, तो मेरी हत्या की जा सकती है। लेकिन अगर मैं मर गया, तो मेरी मृत्यु के साथ कुछ भी नहीं किया जा सकता। जो नहीं है, उसके साथ कुछ भी नहीं किया जा सकता। जो है, उसके साथ कुछ किया जा सकता है। इसलिए अंधेरे को हम बना भी नहीं सकते और मिटा भी नहीं सकते। घाटी की आत्मा लाओत्से का पारिभाषिक शब्द है-दि वैली स्पिरिट। क्या है घाटी की आत्मा? घाटी होती नहीं, दो पर्वतों के बीच में दिखाई पड़ती है। पर्वत खो जाते हैं, घाटी तो बनी रहती है। घाटी कहीं जाती नहीं, लेकिन दिखाई नहीं पड़ती पर्वत के खो जाने पर। जब दो पर्वत खड़े होते हैं, घाटी फिर दिखाई पड़ने लगती है। अंधेरा कहीं जाता नहीं; जब आप दीया जलाते हैं, तब सिर्फ छिप जाता है। प्रकाश की वजह से दिखाई नहीं पड़ता। प्रकाश चला जाता है, अंधेरा अपनी जगह है। शायद अंधेरे को पता भी नहीं है कि बीच में प्रकाश जला और मिट गया। लाओत्से का समस्त चिंतन, लाओत्से का समस्त दर्शन निगेटिव पर खड़ा है, नकारात्मक पर खड़ा है; शून्य पर खड़ा है। और इसलिए लाओत्से ने कहा है, "दि फीमेल मिस्ट्री दस डू वी नेम; हम इसे स्त्रैण रहस्य का नाम देते हैं।' इसे समझ लेना जरूरी है। और इसमें थोड़ा गहरे उतरना पड़ेगा। क्योंकि यह लाओत्से के तंत्र का मूल आधार है। फेमिनिन मिस्ट्री, स्त्री का रहस्य क्या है? वही घाटी का रहस्य है। और जो स्त्री का रहस्य है, वही अंधकार का रहस्य है। और जो स्त्री का रहस्य है, वह अस्तित्व में बहुत गहरा है। इसलिए दुनिया के जो प्राचीनतम धर्म हैं, वे परमात्मा को पुरुष के रूप में नहीं मानते थे, स्त्री के रूप में मानते थे। और उनकी समझ परमात्मा को फादर या पिता मानने वाले लोगों से ज्यादा गहरी थी। लेकिन पुरुष का प्रभाव भारी हुआ और तब हमने ईश्वर की जगह भी पुरुष को बिठाना शुरू किया। लेकिन ईश्वर की जगह गॉड दि फादर बहुत नई बात है, गॉड दि मदर बहुत पुरानी बात है। इस पुस्तक का श्रेय जाता है रामेन्द्र जी को जिन्होंने आर्थिक रूप से हमारी सहायता की, आप भी हमारी सहायता कर सकते हैं -देखें आखिरी पेज
SR No.002371
Book TitleTao Upnishad Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year
Total Pages285
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, K000, & K999
File Size4 MB
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