SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 101
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 2. 2. 23. 29.] किरियाठाणज्य विहरन्ति, सुसीला सुब्वया सुप्पडियाणन्दा सुसाहू सव्वओ पाणावायाओ पडिविरया जावजीवाए जाव जे यावन्ने तहप्पगारा सावजा अबोहिया कम्मन्ता परपाण परियावणकरा कज्जन्ति तओ वि पडिविरया जाव जीवाए | से जहानामए - अणगारा भगवन्तो ईरियासमिया भासासमिया सणासमिया आयाणभण्डमत्तनिक्खेवणसमिया उच्चारपासवणखेलसिंघाणजलपरिहाणियासमिया मणसमिया वयसमिया कायसमिया मणगुत्ता वयगुत्ता कायगुत्ता गुत्ता गुत्तिन्दिया गुत्तरम्भयारी अकोहा अमाणा अमाया अलोभा सन्तापसन्ता उवसन्ता परिनिव्बुडा अणासवा अग्गन्था छिन्नसोया निवलेवा कंसयाइ व्व मुकतोया संखो इव निरञ्जना जीव व अगगगगतलं पिव निरालम्बगा बाउखि अपडिबद्धा सारदसलिलं व मुहियया पुक्खरपतं व निरूवलेवा कुम्मो इव गुत्तिन्दिया विहग व विमुकाखग्गविसाणं व एगजाया भारुण्डपक्खी व अप्पमत्ता कुञ्जरो इव सोण्डीरा वसभो इव जायत्थामा सीहोइन दुद्धरसा मन्दरो इव अप्पकम्पा सागरो इव गम्भीरा चन्दशे इव सोमलेसा सूरो इव दिसतेया जच्चकञ्चणगं व जायरूवा वसुंधरा इव सव्वासविहा सुहुहुयासोविय तेयसा जलन्ता । नत्थि णं तेसिं भगवन्तागं कत्थ वि पडिबन्धे भवइ | से पडिबन्धे चउब्विहे पन्नत्ते । तं जहा - अण्डए इ वा पोयए इ वा उग्गहे इवापग्गहे इ वाजं गं जं गं दिसं इच्छन्ति तं णं तं णं दिसं अपविद्धा सुभूया लहुभूया अप्परगन्था संजमणं तवसा अप्पाणं भामाणा विहरन्ति । तेसिं णं भगवन्तागं इमा एयारूवा जायामायावित्ती होत्था । तं जहा- चउत्थे भत्ते छठे मते अट्ठमे भत्ते दसमे भने दुवालसमे भते चउदसमे भत्ते अद्धमासिए भने मासिए भत्ते दोमातिए तिमासिए चाउम्मातिए पञ्चमासिए छम्मासिए अदुत्तरं चणं उक्खित्तचरयानिक्षितचरया उक्तिनिक्वित्तचरया अन्तचरगा पन्तचरगा लहचरगा समुदागचरगा संराइचरगा असंसडचरगा तजायसंसहचरगा दिट्ठलाभिया अदिल्लामिया पुलाभिया अपुलाभिया भिक्खलाभिया अभिक्खलाभिया ९५
SR No.002352
Book TitleSuyagadam Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorP L Vaidya
PublisherMotilal Sheth
Publication Year1928
Total Pages158
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy