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________________ १८० २११ ८२९ २९३ ४५० ५८२ ७५ सुहझाणपसत्यमणो सुहपडिबोहो निद्दा सूओयणस्स भरियं सूरे अणुहिएच्चिय सूरे सुदंसणे कुंभे सूसमअरओ बीओ सूसमदूसम तइओ सूसममूसमअरओ सूसमसूसमभावं सेणावइ गाहावइ सेणावइ गाहावइ सेणिओ पसिद्धो सेणिय मुपासपुट्टिल सेयवियावि य नयरी सेसा पच्चक्खाणा सोइंदिएण एवं सो जयउ थूलभद्दो ६८६ सो पुण इह विन्नेओ ८२५ सोलस इमे कसाया सोलस उग्गमदोसा सोलस पुबविदेहे सोलस रायसहस्सा हकारः १६ हरियाल मणोसिल० ११ हरिवसकुलुप्पत्ति० १३ हरिसेणो नमिकाले ५४९ हवइ पयावइबंधो | हा दुहु कयं हा दुछ (१०३) | हास रई अरई भय ४७७ हेमवय हरिसवंसि होइ छउमत्थकेवलि ७७२ होइ पमाणाइयं ३६१ होही चंडालकुले ५२२ होही मल्लीदेवो ३४० ४६५ ५६० ८६१ ८३० ५० ६९७ । २५६ ४९९ इति श्रीविचारसारगाथानामकारादिक्रमः BRARRRRRRRRRRRRRRRRRRH १+ श्रीजैनाम्बुद-चित्कोषः २
SR No.002348
Book TitleVicharsar Prakaranam Cha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPradyumnasuri, Manikyasagar
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1923
Total Pages190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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