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श्रीनेमि-विज्ञान-कस्तूरसूरिग्रंथ श्रेणि-३६
मणि पुष्प - १२
पूज्याचार्यश्रीजिनवल्लभसूरिविरचितं प्रश्नोत्तरकाष्टशतककाव्यम महोपाध्यायश्रीपुण्यसागरगणिविरचितकल्पलतिकाटीकया विभूषितम्
दिव्याशीर्दाता प. पू. शासनसम्राट् श्री नेमि-विज्ञान-कस्तूरसूरिजी म. के शिष्य जिनशासनशणगार पू. आचार्य श्री विजयचन्द्रोदयसूरीश्वरजी म. सूरिमंत्राराधक पू. आचार्य श्री विजयअशोकचन्द्रसूरीश्वरजी म.
-: सम्पादक :आ. श्री विजयसोमचन्द्रसूरिजी म.
महोपाध्याय विनयसागर
-: आर्थिक सहयोग :विलेपार्ले श्वे.मू.पू. जैन संघ एन्ड चेरीटीझ - विलेपार्ला
-: प्रकाशक:श्री रांदेर रोड जैन संघ - सुरत एम.एस.पी.एस.जी. चेरीटेबल ट्रस्ट - जयपुर