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(१०) ३-नक्षत्र-वार-संज्ञाः,
संज्ञा
वारः
नक्षत्रम्
ध्रुव-स्थिर उग्र-क्रूर चर-चल लवु-क्षिप्र मृदु-मैत्र मिश्रं-साधारण दारुण-तीक्ष्ण
गुरु शुक्र बुध शनि
रोहिणी, उ. फ., उ.षा., उ. भा. भरणी, मघा, पू. फ., पू. षा., पू. भा. पुन. खाती, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषक् अश्विनी, पुष्य, हस्त, अभिजित् मृगशीर्ष, चित्रा, अनुराधा, रेवती . कृत्तिका, विशाखा आद्रों, आश्लेषा, ज्येष्ठा, मूल
४-वर्णकोष्टकम्
ब्राह्मण
क्षत्रिय
वैश्य
शुद्र
वृषभ
कर्क वृश्चिक मीन
सिंह
कन्या
मिथुन तुला कुंभ
मकर
५-वश्यकोष्टकम्
जलचर
चतुष्पाद
मनुष्य
वनचर
कीटक
कर्क | मेष
मिथुन
वृषभ
कन्या
मकर- -उत्तरार्धम् मीन
तुला
धनुः उत्तरार्धम् |
मकरपर्वाम ६-वर्गः
धनुः
पूर्वार्धम् कुंभ
→ वैरवर्गः सर्प त, थ, द, ध, न मूषक प, फ, ब, भ, म मृग य, र, ल, व
मेष श, ष, स, ह -- - वर्ग:
गरुड अ, इ, उ, ए मार्जार क, ख, ग, घ, ङ सिंह च, छ, ज, झ, ञ श्वान ट, ठ, ड, ढ, ण
वैरवगे:
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