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(२) श्रीमान् कालूरामजी केशरीमलजी (३) श्रीमान् मोहनलालजी हिम्मतमलजी (४) श्रीमान् गिरधारीलालजी शोभाचन्दजी (५) श्रीमान् मोहनराजजी कुन्दनमलजी (६) श्रीमान् जावन्तराजजी पुखराजजी इन सभी के घर पर पगलियाँ और संघपूजा हुई ।
५-भादरवा सुद ६ शनिवार दिनांक ६-१-८६ के दिन छप्पन दिग्कुमारी का स्नात्र महोत्सव का भव्य कार्यक्रम हुआ। स्वामिवात्सल्य श्रीमान् घासीरामजी गुलाबचन्दजी फागणियां परिवार की तरफ से हुआ। श्रीदर्शनावरणीय कर्मनिवारण - पूजा - प्रभावना - प्रांगी - रोशनी - भावना श्रीमान् दौलतराजजी गुर्जरगोत्र परिवार की तरफ से हुई।
६-भादरवा सुद १० रविवार दिनांक १०-६-८६ के दिन श्रीवामामाता का थाल का भव्य जुलूस निकाला गया। प्रातः स्वामिवात्सल्य श्रीमान् राजमलजी सोलंकी की तरफ से हुआ। शाम का स्वामिवात्सल्य श्रीमान् हंसराज रतनचन्दजी फागणिया परिवार की तरफ से हुआ । श्रीवेदनीय कर्मनिवारण पूजा-प्रभावना-प्रांगी-रोशनी-भावना भी उन्हीं की ओर से हुई।
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मूत्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-३८४