________________
प्रांगी रोशनी एवं रात को भावना भी उनकी तरफ से हुई। ____स्वामिवात्सल्य शा. उम्मेदमलजी जेठाजी गोदाणी परिवार की ओर से हुआ।
३-भादरवा सुद ७ गुरुवार दिनांक ७-६-८६ के दिन कुम्भस्थापना, अखण्ड दीपक-स्थापना तथा जवारारोपण का कार्य हुआ । तपस्वी महानुभावों का भी बहुमान हुआ । भव्य वरघोड़ा निकाला। स्वामिवात्सल्य श्रीमान् सरेमलजी गंगारामजी गोदाणी परिवार की ओर से हुआ । श्री ज्ञानावरणीय कर्मनिवारण की पूजा प्रभावना-प्रांगी-रोशनी-भावना श्रीमान् सागरमलजी खीमराजजी कोठारी परिवार की ओर से हुई ।
४-भादरवा सुद ८ शुक्रवार दिनांक ८-६-८६ के दिन तपस्वी भाई-बहिनों का सम्मान-समारोह श्रीसंघ की ओर से हुआ। 'श्री पार्श्वपद्मावती पूजन' श्रीमान् मीठालाल भीमराजजी साकरियां परिवार की तरफ से विधिपूर्वक पढ़ाई गई। स्वामिवात्सल्य श्रीमान् हिम्मतमलजी दलीचन्दजी नेमावत परिवार की ओर से हुआ। उसोदिन-(१) श्रीमान् मोहनलालजी सागरमलजी
मूत्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-३०३