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जैनेतर जगत् में मूत्तिपूजा की प्राचीनता के प्रमाण
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* शिव (शंकर) पार्वती संवाद *
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जगत् में प्रवर्त्तमान जैनेतर शासन में तीन देवों की मुख्यता प्रतिपादित की गई है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश। विश्व को उत्पन्न करने वाले ब्रह्माजी माने गए हैं, विश्व का पालन करने वाले विष्ण जी माने गए हैं एवं विश्व का विनाश करने वाले महेशजी माने जाते हैं। महेशजो महादेव के नाम से, शिव के नाम से और शंकर के नाम से भी सुप्रसिद्ध हैं।
जैनेतर शासन में द्वापर युग के बाद कोई भी अवतार नहीं हुआ है। इसलिये इतना तो कहा जा सकता है कि द्वापर युग के पूर्व ही शिव यानी शंकर
और पार्वती का अवतार हुआ है। द्वापर युग को आज ५००० वर्षों से भी अधिक वर्ष हो चुके हैं। इस कारण 'शिव-पार्वती' को कम-से-कम साधिक पाँच हजार वर्ष
मूर्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-१३६