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अतएव "जिनमूत्तिपूजा' अवश्य ही करना प्रत्येक गृहस्थ श्रावक एवं श्राविका का परम कर्तव्य है। श्रीवीर सं. २०४६
- स्थल - विक्रम सं. २५१६
श्रीजैन उपाश्रय नेमि सं. ४१
देसूरी, राजस्थान कात्तिक [मागसर] वद १० बुधवार
दिनांक२२-११-१९८६ [श्रीउपधान तप मालारोपण दिन]