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* पहली दसम कोसेलाव में करके दूसरी दसम के दिन आचार्यश्री संघ सहित तखतगढ़ में प्रातः स्वागत पूर्वक पधारे। जिनमन्दिरों के दर्शन करने के बाद पूज्यपाद आचार्य म. सा. का व्याख्यान हुआ। दोपहर में पंच कल्याणक पूजा-प्रभावना युक्त श्रीसंघ ने पढ़ाई । ग्यारस के दिन भी स्थिरता दरम्यान पूज्यपाद आचार्य म. सा. तथा पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. के प्रवचन का लाभ श्रीसंघ को मिला। ___* जेठ सुद १२ शुक्रवार दिनांक १६-६-८६ के दिन प्रातः तखतगढ़ से विहार कर पादरली पधारते हुए साहित्यरत्न पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि का संघ की तरफ से बैन्डयुक्त स्वागत हुआ। वहाँ महोत्सव निमित्त पधारे हुए पूज्यपाद आचार्य श्रीमद् विजय हेमप्रभ सूरीश्वरजी म. सा. आदि का सुभग संमिलन हुआ। व्याख्यान के पश्चाद् संघपूजा हुई। उद्यापन युक्त चालू महोत्सव में 'श्री सिद्धचक्र महापूजन' विधिपूर्वक पढ़ाई गई।
(१६) चांदराई में उद्यापनयुक्त महोत्सव
(१) जेठ सुद १३ शनिवार दिनांक १७-६-८६ के दिन प्रातः पादरली से विहार कर जैनधर्मदिवाकर
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