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साथ में मंगल प्रवचन भी हुआ। उसी दिन 'श्री पार्श्वपद्मावती महापूजन' विधिपूर्वक सुन्दर पढ़ाया गया ।
* महा सुद ८ सोमवार दिनांक १३-२-८६ के दिन श्रीमान् घेवरचन्दजी जीवराजजी के घर पर तथा श्रीमान् बक्तावरमलजी जुहारमलजी के घर पर परमपूज्य प्राचार्य म. सा. आदि बाजते-गाजते बैन्ड सहित पधारे । वहाँ ज्ञानपूजन एवं मांगलिक श्रवण के बाद दोनों स्थलों पर संघपूजा हुई। उसी दिन श्री पार्श्वनाथ प्रभु के जन्मोत्सव का छप्पन दिग्कुमारिका युक्त कार्यक्रम अच्छा रहा ।
* महा सुद ६ मंगलवार दिनांक १४-२-८६ के दिन श्री पार्श्वनाथ का आध्यात्मिक श्री वामादेवी का थाल भरने का कार्यक्रम होने के बाद, जुलूस (वरघोड़ा) निकाला गया ।
* महा सुद १० बुधवार दिनांक १५-२-८६ के दिन प्रातःकाल में परमपूज्य आचार्य देव कीरवा गाँव पधारे । वहाँ जिनमन्दिर का शिलान्यासकार्य विधिपूर्वक कराके वापस सांचोड़ी पधारने के बाद, कुम्भ-स्थापनादि तथा नवग्रहादि पाटला पूजनादि का विधिपूर्वक कार्यक्रम हुआ ।
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