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समय पूज्यपाद आचार्य म. सा. के सदुपदेश से संघवी श्रीमान् शिवराजजी कोचर ने इस तीर्थ के विकासादि कार्यों में ३११११) रुपये अपनीअोर से देने के लिये उद्घोषणा की। उसी दिन संघवीजी की ओर से प्रभूपूजा तथा स्वामीवात्सल्य का कार्यक्रम रहा । संघ में आने वाले सभी भाई-बहिनों को चांदी के सिक्के की प्रभावना दी गई तथा संघवीजी की तरफ से संघ में आने वाले सभी भाई-बहिनों को वापस बस द्वारा जोधपुर पहुँचाया गया। [२] श्री गांगाणी-कापरड़ाजी तीर्थ की यात्रा
* कात्तिक [मागशर] वद-६, मंगलवार दिनांक २६-११-८८ के दिन प्रातःकाल में परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि ठाणा-३ तथा पूज्य साध्वीजी महाराज श्री भाग्यलता श्री जी आदि ठाणा-१४ ने श्री गांगाणी तीर्थ की तथा श्री कापरड़ाजी तीर्थ की यात्रा करने के लिये श्री प्रोसियांजी तीर्थ से विहार किया । छठ को उम्मेदनगर और सातम को मवाद गाँव में स्थिरता की।
के कार्तिक [मागशर] वद-८, गुरुवार दि. १-१२-८८ के दिन श्री गांगारणी तीर्थ में पधारे। वहाँ पर प्राचीन