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इस अवसर्पिणी के पांचवें पारे में भव्य जीवों को भवसिन्धु तिरने के लिए और सदा शाश्वत मोक्षसुख पाने के लिए जिनबिम्ब और जिनागम ये दो ही परम मालम्बन भूत सर्वोत्कृष्ट साधन हैं ।
इन साधनों द्वारा भव्य जीव भव्यात्माएँ सचिदानन्द स्वरूप मय शाश्वत मोक्षसुख प्राप्त करें, यही हार्दिक शुभ भावना।
लेखक : प्रथम प्राषाढ़
विजय सुशीलसूरि वद प्राठम
स्थल : सोमवार
नूतन श्री अष्टापद तीर्थ दिनाङ्क
सुशील विहार ८-७-६६
रानी स्टेशन, राजस्थान