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१८. मेरुपर्वत की पांच चूलिका
ऊपर
१६. जम्बु प्रमुख
( ११६ )
दश वृक्ष परिवारों को मिलाकर १९७०
२०. वृत्त वैताढ्य
बीस गिरि ऊपर
२१. नंदीश्वर द्वीप में शक्रेन्द्र तथा ईशानेन्द्र की प्राठआठ अ महिषी की सोलह राजधानी में
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३२५६
१२०
१२०
१२०
१२०
६००
१४०४००
२४००
१६२०
३६१३२०
इस तरह उपर्युक्त कथित लोक में विद्यमान श्री जिनेश्वर भगवन्तों के शाश्वत जिनचैत्यों तथा शाश्वत जिनबिम्बों का वर्णन संख्या की दृष्टि से निश्चयपूर्वक निःशङ्क जानना ।
इस विषय में अपने पूज्य श्रागम शास्त्र आज भी साक्षी पूर रहे हैं ।