________________
* नाम
७. सातवें
महाशुक्र देवलोक में -
८. आठवें
सहस्रार देवलोक में -
६. नौवें
प्रानत
देवलोक में
तथा
१०. दसवें
प्रारणत देवलोक में
SOUR
११. ग्यारहवें
प्रारण देवलोक में
तथा
१२. बारहवें
प्रच्युत देवलोक में
* चैत्य-प्रासादों की संख्या
चालीस हजार
४००००
छः हजार ६०००
चा
र
सो
४००
ती
सौ
३००
* प्रत्येक चैत्य-प्रासाद में विद्यमान जिन - बिम्बों
की संख्या
१८०
१८०
१८०
१८०
* कुल जिन-बिम्बों
की संख्या
७२०००००
१०८००००
७२०००
५४०००