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(१२) वीतराग प्रभुदर्शन के फल की अपेक्षा श्रीजिनेश्वर भगवान की मूत्ति-प्रतिमा का प्रमार्जन करने से सौ-गुना फल मिलता है ।
(१३) श्रीजिनबिम्ब-मूत्ति-प्रतिमा का विलेपन करने से हजार गुना फल मिलता है।
(१४) श्रीजिनबिम्ब-मूति-प्रतिमा को सुगन्धित पुष्प-फूलों की माला पहनाने से लाख गुना फल मिलता है।
(१५) श्रीजिनबिम्ब-मूत्ति-प्रतिमा के सम्मुख भावभक्तिपूर्वक स्तुति-स्तवन, गीत-गान और नृत्य-नाच इत्यादि करने से अनंत गुना फल मिलता है।
इसके समर्थन में शास्त्र में कहा है किसयं पमज्जणे पुन्न, सहस्सं च विलेवणे। सयसहस्सिया माला, अनंत गीयवायए ॥१॥