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________________ व-जीवन श्रवश्य पढ़ें ! ॥ ॐ ह्रीं श्री नमो नारणस्स || पढ़कर ज्ञान प्राप्त करें ! सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की सत्प्रेरणा से प्रकाशित मानवमें प्राध्यात्मिक चेतना का सजग प्रहरी जीवन में सुसंस्कारों की सौरभ प्रवाहित करने वाला हिन्दी मासिक पत्र 5 सुशील-सन्देश फ्र स्थापित सन् १६८७ * प्रेरक परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वर जी महाराज साहब के शिष्यरत्न पूज्य पंन्यासप्रवर श्री जिनोत्तम विजयजी गणिवर्य महाराज * सम्पादक नैनमल विनयचन्द्र सुराणा सिरोही (राज.) * प्रकाशक सुशील फाउण्डेशन (रजि.) सुशील - सन्देश में श्राप क्या पढ़ेंगे ? * जीवन में गुनगुनाहट कराने वाले गीत-संगीत-कविता काव्यकुञ्ज * जैन संस्कृति की गौरव गाथा गाने वाली मधुर शिक्षाप्रद कहानियाँ - पढ़ो और पात्रो * जैन तत्त्वज्ञान की विशद जानकारी हेतु स्वाध्याय प्रश्नोत्तरी * सुवचनों का अपूर्व संग्रह - समाधान के प्रायाम - अनमोल मोती
SR No.002336
Book TitleJinmurti Pooja Sarddhashatakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushil Sahitya Prakashan Samiti
Publication Year1994
Total Pages206
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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