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३२. अनशन
३३. संलेखना
३४. कर्मक्षय
३५. आयुष्य ३६. निर्वाण
: अन्तिम अवस्था में अनशन पादोप
गमन का किया। : छठ के पारणे छठ करने वाले श्री गौतम स्वामी जी ने अन्तिम अवस्था में संलेखना एक मास के उपवास
की की। : चार घाती और चार अघाती सभी
कर्मों का सर्वथा क्षय किया। : सम्पूर्ण आयुष्य ६२ वर्ष । : सम्पूर्ण ६२ वर्ष का आयुष्य पूर्ण
करके श्री महावीर परमात्मा के निर्वाण के बारह वर्ष बाद मगधदेश की राजगही नगरी के वैभारगिरि पर सकल कर्म का क्षय करके निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त किया। मोक्ष में उनकी आज भी सादि अनंत स्थिति प्रवर्त रही है और भविष्य में भी सर्वदा ऐसी रहेगी।
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