________________
ॐ
॥ बन्दे वीरम् ।।卐
श्रीगणधर जीवन-तालिका
ग्राज से श्रीवीर संवत् २५१३ तथा श्री विक्रम संवत् २०४३ वर्ष पूर्व इस भारत देश में वर्तमान जैनशासन के अधिपति चौबोसवें तीर्थंकर श्रमण भगवान महावीर परमात्मा की अस्तिता-विद्यमानता थी। उनके चौदह हजार (१४०००) मुनियों की संख्या में मुख्य रूप में श्रुतकेवली श्रीगौतम स्वामी आदि ग्यारह गणधर भगवन्त थे। उनके नाम क्रमशः इस प्रकार हैं
१. श्री इन्द्रभूति गणधर । २. श्री अग्निभूति गरगधर । __ श्री वायुभूति गरगधर । __ श्री व्यक्तगरगधर । ५. श्री सुधर्मा गणधर । ६. श्री मण्डित गणधर । ७. श्री मौर्यपुत्र गणधर ।
( ५३ )