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________________ 4. समस्याओं के समाधान में जैन नीति का योगदान आदिकाल से मानव के शांति प्रयास और उनकी विफलता ; मानव की प्रमुख तीन समस्याएँ; (1) व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं के जैन दृष्टि से समाधान ; ( 2 ) राजनीतिक समस्याओं के सामधान; (3), आर्थिक समस्याओं के समाधान ; जैन नीति को विश्व कौ अनुपम देन नैतिक निर्णय के आधार ; पाँच प्रकार के व्यवहार; कार्य सफलता के उपाय ; आत्म- गौरव एवं स्वातंत्र्य ; अहिंसा ; अनेकांत ; अपरिग्रह; अनाग्रह; समत्व । ; परिशिष्ट : 1 ( नीति सूक्ति कोष ) नीति सूक्ति कोष ; प्राकृत जैन साहित्य की सूक्तियाँ ; बौद्ध साहित्य की सूक्तियाँ ; वैदिक साहित्य की सूक्तियाँ ; हिन्दी साहित्य की सूक्तियाँ अंग्रेजी साहित्य की सूक्तियाँ । ; परिशिष्ट : 2 पुस्तक में प्रयुक्त सन्दर्भ ग्रन्थ सूची। 409-422 425-491 492-496
SR No.002333
Book TitleNitishastra Jain Dharm ke Sandharbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherUniversity Publication Delhi
Publication Year2000
Total Pages526
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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