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नीतिशास्त्र की प्रणालियाँ और शैलियाँ / 129
वैज्ञानिक प्रणाली भी और उपविभाजित हुई, जैसे
(1) भौतिक और जैविकीय प्रणाली (Physical and Biological Method)
(2) ऐतिहासिक अथवा जननिक विधि (Historical or Genetic Method)
(3) मनोवैज्ञानिक और विश्लेषणात्मक प्रणाली (Psychological and Analytic Method) दार्शनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों में अन्तर
(1) आधारगत भेद : परम सत्य तथा प्रत्यय और अनुभव-दार्शनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों में प्रमुख भेद सैद्धान्तिक आधार का है। दार्शनिक प्रणाली परम-सत्य को आधार मानती है और उसी के अनुसार नैतिक आदर्शों का रूप निर्धारित करती है।
वैज्ञानिक प्रणाली का आधार अनुभव और प्रत्यक्ष है। जैसा अनुभव होता है और व्यक्ति एवं समाज में जिस प्रकार प्रवृत्तियाँ प्रत्यक्ष दिखाई देती हैं, वैज्ञानिक प्रणाली इन्हीं को आधार मानकर नैतिक आदर्शों को विकसित करती है।
(2) वर्णनगत भेद-दार्शनिक प्रणाली आलोचनात्मक (critical) है। इसमें चिन्तन का प्रमुख स्थान है। गम्भीर चिन्तन, विश्लेषण और अन्तर-दृष्टि की सहायता से प्रदत्तों (dates)—प्रत्यक्ष तथ्यों का अर्थ समझाने का प्रयास किया जाता है।
लेकिन वैज्ञानिक प्रणाली वर्णनात्मक (descriptive) है। इसमें अनुभव और प्रत्यक्ष के आधार पर प्रदत्तों को एकत्रित करके उनका वर्गीकरण किया जाता है तथा सामान्यत नियम निर्धारित किये जाते हैं। इस प्रकार यह प्रणाली तथ्यात्मक भी है।
(3) विश्लेषण और समन्वय-दार्शनिक प्रणाली समन्वय पर अधिक बल देती है जबकि वैज्ञानिक विश्लेषण पर। दार्शनिक प्रणाली विभिन्न, प्रवृत्तियों का समन्वय करके नैतिक आदर्श स्थापित करती है; जबकि वैज्ञानिक प्रणाली उन प्रवृत्तियों के विश्लेषण के आधार पर नैतिक आदर्श स्थापित करने का प्रयास करती है।