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________________ श्री कोठारा तीर्थ अन्य मन्दिर 8 इसके अतिरिक्त फिलहाल यहाँ कोई मन्दिर नहीं है । कला और सौन्दर्य इस मन्दिर में पत्थर पर तीर्थाधिराज श्री शान्तिनाथ भगवान, उत्कीर्ण कला सजीवसी लगती है । यहाँ की कला पद्मासनस्थ, श्वेत वर्ण, लगभग 90 सें. मी. देखते ही आबू-देलवाड़ा राणकपुर, जैसलमेर आदि का (श्वे. मन्दिर) । स्मरण हो आता है । तीर्थ स्थल इस गाँव के मध्य जैन मोहल्ले में। ___ मार्ग दर्शन 8 यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन प्राचीनता यह कच्छ भुज की अबड़ासा पंचतीर्थी का तीर्थ स्थान माना जाता है । यह इस पंचतीर्थी का भुज लगभग 80 कि. मी. दूर हैं जहाँ से बस व टेक्सी विशेष कलात्मक तीर्थ है, जो कि अपनी कला के लिए की सुविधा है । कोठारा गाँव का बस स्टेण्ड मन्दिर से विख्यात है । इस मन्दिर की प्रतिष्ठा वि. सं. 1918 सिर्फ 400 मीटर दूर है । यहाँ से सुथरी लगभग 10 माघ शुक्ला 13 के शुभ दिन अंचलगच्छ के आचार्य श्री कि. मी. नलिया 20 कि. मी. व जखौ लगभग 30 रत्नसागरसूरीश्वरजी के सुहस्ते संपन्न हुई थी । कि. मी. दूर है । सभी जगहों से बस व टेक्सी का विशिष्टता श्री शत्रुजय गिरिराज पर केशवजी साधन है । मन्दिर तक बस व कार जा सकती है । नायक ट्रॅक के निर्माता इसी गाँव के निवासी थे व इस ठहरने के लिए अतिथी गृह व मन्दिर के निर्माण कार्य में उन्होंने भी भाग लिया था। विशाल धर्मशाला है, जहाँ बिजली, पानी, बर्तन, उनके अलावा शेठ वेलजी मालू व शिवजी नेणशी ने भी ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र व भोजनशाला की सुविधा है । भाग लिया था । आठ गगनचुंबी शिखरयुक्त इस मन्दिर के बाहर की व अन्दर की कला यहाँ की विशेषता पेढ़ी 8 कोठारा श्री शान्तिनाथजी जैन देरासर पेढ़ी, है । प्रतिवर्ष माघ शुक्ला 13 को ध्वजा चढ़ाई पोस्ट : कोठारा-370645. तालुका : अबड़ासा, जाती है । जिला : कच्छ, (गुज.), फोन : 02831-82235. सा कोठारा के कलात्मक मन्दिर का दृश्य 564
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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