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________________ कला और सौन्दर्य इस मन्दिर में पत्थर पर स्वर्ण कलम से किया हुआ कार्य अपनी विशिष्ट कला के लिए प्रसिद्ध है । काँच का काम भी सुन्दर ढंग से किया हुआ है । __ मार्ग दर्शन 88 यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन भुज लगभग 97 कि. मी. हैं जहाँ से बस व टेक्सी की सुविधा उपलब्ध है । यहाँ से तेरा तीर्थ 18 कि. मी. व कोठारा 20 कि. मी. दूर है । गाँव का बस स्टेण्ड मन्दिर से करीब 400 मीटर दूर है ।। सुविधाएँ ठहरने के लिए धर्मशाला है, जहाँ बिजली, पानी, बर्तन, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र व भोजनशाला की सुविधा उपलब्ध है । नवीन अतिथी भवन का भी निर्माण अभी हुआ है । पेढ़ी श्री चन्द्रप्रभु तथा श्री शान्तिनाथजी जैन देरासर पेढ़ी, वीर वसही ढुक, पोस्ट : नलिया - 370 655. जिला : कच्छ, (गुज.) फोन : 02831-22327. श्री चन्द्रप्रभ भगवान मन्दिर-नलिया श्री नलिया तीर्थ तीर्थाधिराज श्री चन्द्रप्रभ भगवान, पद्मासनस्थ, श्वेत वर्ण, लगभग 75 सें. मी. (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल नलिया गाँव के नागड़ा मोहल्ले में । प्राचीनता यह कच्छ भुज के अबड़ासा की पंचतीर्थी का एक तीर्थ माना जाता है । नरशीनाथा द्वारा निर्मित इस विशाल व भव्य मन्दिर की प्रतिष्ठापना विक्रम सं. 1897 में हुई थी। विशिष्टता यह अबड़ासा की पंचतीर्थी का एक स्थान रहने के कारण अपनी विशेषता रखता है । नरशीनाथा द्वारा निर्मित विशाल सोलह शिखर व चौदह मण्डपों वाला यह मन्दिर अपनी कला के लिए प्रसिद्ध है । प्रतिवर्ष माघ शुक्ला 5 को ध्वजा चढ़ाई जाती है। अन्य मन्दिर इसी कम्पाउण्ड में 3 और मन्दिर 562
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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