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________________ शिखरों की कला व बाह्य दृश्य अति रोचक हैं । यहाँ के ज्ञान मन्दिर में कलात्मक तीर्थ पट अति दर्शनीय है । मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन भुज 81 कि. मी. है, जहाँ से बस व टेक्सी की सुविधाएँ उपलब्ध है । नलिया तीर्थ से यह स्थान 11 कि. मी. व जखौ तीर्थ से 13 कि. मी. दूर है । गाँव के बस स्टेण्ड से यह मन्दिर 400 मीटर है । मन्दिर तक पक्की सड़क है । सुविधाएँ ठहरने के लिए धर्मशाला है, जहाँ पानी, बिजली, बर्तन ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र व भोजनशाला की सुविधा हैं । पेढ़ी 8 श्री जीरावला पार्श्वनाथ जैन देरासर ट्रस्ट, पोस्ट : तेरा - 370660, तालुका : अबड़ासा, जिला : कच्छ, प्रान्त : गुजरात, फोन : 02831-89223 व 89224. श्री जीरावला पार्श्वनाथ मन्दिर-तेरा श्री तेरा तीर्थ तीर्थाधिराज श्री जीरावला पार्श्वनाथ भगवान, पद्मासनस्थ, लगभग 68 सें. मी. (श्वे. मन्दिर) । तीर्थ स्थल तेरा गाँव के मध्य। प्राचीनता यह प्रतिमा लगभग 2200 वर्ष प्राचीन श्री संप्रति राजा द्वारा प्रतिष्ठित मानी जाती है। इस मन्दिर का पुनः निर्माण वि. सं. 1915 में हुआ था । अन्तिम जीर्णोद्धार वि. सं. 2027 में होकर आचार्य श्री गुणसागर सूरीश्वरजी के सुहस्ते प्रतिष्ठा संपन्न हुई । विशिष्टता यह स्थल अबड़ासा पंचतीर्थी का एक स्थान माना जाने के कारण, अपनी विशेषता रखता है । इस मन्दिर के नव शिखरों की कला यहाँ की प्रसिद्धि है । अन्य मन्दिर ॐ इस के पास एक और श्री शामला पार्श्वनाथ भगवान का मन्दिर है । ___ कला और सौन्दर्य इस मन्दिर के नव 558 Netra Khanbhdi o Lodai MKATRAANCHCH *BHI 32 spro NALIAS 35 Rudramat ** BHUJ Deshalpero24TA Bitta Nayro Madhapur LABDA 233-agr 30A Kothare Waokuc346 Sunther kavat o Kotdi 829 Pathi Rayan Bindadar Gundore Chart MURERA
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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