________________
श्री कम्बोई तीर्थ
तीर्थाधिराज श्री मनमोहन पार्श्वनाथ भगवान, पद्मासनस्थ, श्वेत वर्ण, लगभग 76 सें. मी. (श्वे. मन्दिर) ।
तीर्थ स्थल कम्बोई गाँव के मध्य ।
प्राचीनता कम्बोई गाँव लगभग विक्रम की ग्यारहवीं सदी पूर्व बसा होगा, ऐसा एक भेंटपत्र से साबित होता है । प्रतिमा की आकृति व कला से यह प्रतिमा राजा सम्प्रतिकाल की मानी जाती है । मन्दिर में अन्य प्रतिमाओं पर सोलहवीं शताब्दी के लेख हैं। सत्रहवीं शताब्दी की पाटण चैत्य परिपाटी में कम्बोई तीर्थ का उल्लेख है । विक्रम सं. 1638 की एक धातु प्रतिमा पर कम्बोई गाँव का उल्लेख है । अंतिम जीर्णोद्धार विक्रम सं. 2003 में संपन्न हुआ ।
विशिष्टता यह क्षेत्र प्राचीन तीर्थों में गिना जाता है । यहाँ प्रति वर्ष माघ शुक्ला पूर्णीमा को वार्षिक ध्वजा चढ़ाई जाती है ।
अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त कोई मन्दिर नहीं है ।
कला और सौन्दर्य 8 प्रभु प्रतिमा अति ही शांत व सुन्दर है । इसी मन्दिर में विराजित अन्य प्रतिमाएँ भी राजा सम्प्रतिकाल की होने के कारण कलात्मक हैं। गाँव में भी कहीं कहीं प्राचीन प्रतिमाएँ पाई जाती हैं, जो कलात्मक व दर्शनीय हैं ।
मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन चाणश्मा लगभग 10 कि. मी. है, जहाँ से टेक्सी व बस का साधन है । कम्बोई रेल्वे स्टेशन व गाँव का बस स्टेण्ड 400 मीटर दूर है । कार व बस आखिर तक जा सकती है। यहाँ से शंखेश्वर तीर्थ लगभग 45 कि. मी., मेहसाणा 50 कि. मी., पाटण 30 कि. मी. मोढ़ेरा 30 कि. मी. व अहमदाबाद 200 कि. मी. दूर है ।
सुविधाएँ 28 ठहरने के लिए धर्मशाला है । जहाँ पानी, बिजली, बर्तन ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र, भोजनशाला व भाते की सुविधा भी उपलब्ध है ।
पेढी श्री मनमोहन पार्श्वनाथ तीर्थ कारखाना ट्रस्ट, पोस्ट : कम्बोई - 384230. तालुका : चाणश्मा, जिला : पाटण, प्रान्त : गुजरात, फोन : 02734-81315.
जिनालय का प्रवेश द्वार-कम्बोई
544