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विशिष्टता आचार्य श्री शीलंकाचार्य ने श्री गाँभ तीर्थ
'आचारांगसूत्र' की टीका इसी गाँव में विक्रम सं. 919
में की थी । प्राचीन बेधक ग्रंथ 'सुश्रुत' की रचना भी तीर्थाधिराज श्री गंभीरा पार्श्वनाथ भगवान, यहीं हुई थी । श्वेत वर्ण, लगभग 45 सें. मी. (श्वे. मन्दिर) ।
___मंत्रीश्वर श्रीविमलशाह के पूर्वज नीना शेठ श्रीमाल तीर्थ स्थल गाँभू गाँव के मध्य ।
भीनमाल नगर से प्रथम यहीं आकर बसे थे । गूर्जर प्राचीनता यहाँ का इतिहास विक्रम की नवमी नरेश वनराज चावड़ा ने इनको पाटण में रहने का शताब्दी पूर्व का माना जाता है । किसी समय यह एक आमंत्रण यहीं पर भेजा था । उनके पुत्र लहर को विराट नगरी थी । उल्लेखों से पता चलता है कि पाटण पाटण का दंडनायक बनाया था । शक सं. 826 में बसने के पहले यह बस चुका था । इसका प्राचीन रचित 'श्रावक प्रतिक्रमणसूत्र' को यहीं ताड़पत्र पर नाम गंभीरा व गंभता था । जिनालयों को प्रदान किये लिखा गया था । विक्रम सं. 1305 में 'उपाँग पंचक' भेंट पत्रों से प्रतीत होता है कि प्राचीन काल में यहाँ की वृत्तियां यहीं लिखी गई थीं । इनके अलावा भी अनेकों जैन मन्दिर थे । यहाँ अनेकों जैन ग्रंथों की अनेकों ग्रंथों की यहाँ रचना होने का उल्लेख मिलता रचनाएँ हुई हैं । इधर उधर बिखरे हुए खण्डहर अवशेष है । प्रतिवर्ष माघ शुक्ला 4 को ध्वजा चढ़ाई जाती है। यहाँ की प्राचीनता के प्रमाण हैं । यह प्रतिमा राजा अन्य मन्दिर इसके अतिरिक्त वर्तमान में यहाँ संप्रतिकाल की मानी जाती है । यहाँ से अनेकों राजा कोई मन्दिर नहीं है । संप्रतिकाल की प्राचीन प्रतिमाएँ बम्बई आदि भेजी
कला और सौन्दर्य प्रभु-प्रतिमा की कला गई हैं ।
अति ही शोभनीय है । लगता है जैसे प्रभु साक्षात् हँसते हुए विराजमान हैं । यहाँ अनेकों प्राचीन प्रतिमाएँ भूगर्भ से प्राप्त हुई थीं, जिनमें कुछ बम्बई, पालीताना, तलाजा आदि भेजी गईं व कुछ यहाँ के भोयरे में विराजमान हैं । यहाँ के शिखर की कला निराले ढंग की अति ही सुन्दर है ।
मार्ग दर्शन नजदीक का रेल्वे स्टेशन मेहसाणा 22 कि. मी. है, जहाँ से बस व टेक्सी की सुविधा उपलब्ध है । गाँव का बस स्टेण्ड मन्दिर के निकट ही है । बस व कार मन्दिर तक जा सकती है । मेहसाणा-मोढ़ेरा सड़क मार्ग से गणेशपुरा होकर गांभू आना पड़ता है । मोढ़ेरा यहाँ से 7 कि. मी. चाणस्मा 10 कि. मी. व कम्बोई 30 कि. मी. दूर है ।
सुविधाएँ ठहरने के लिए सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला हैं, जहाँ पर भोजनशाला व भाते की भी सुविधा है । उपाश्रय भी है ।
पेढ़ी 8 श्री गाँभू जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ ट्रस्ट, बाजार जैन देरासर, पोस्ट : गाँभू - 384 011. तालुक : बेचराजी,
जिला : मेहसाणा, प्रान्त : गुजरात, श्री पार्श्वप्रभु जिनालय-गाँभू
फोन : 02734-82325.
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