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________________ श्री वालम तीर्थ तीर्थाधिराज श्री नेमिनाथ भगवान, श्याम वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग 90 सें. मी. (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल वालम गाँव के मध्य नागरवाड़े मोहल्ले में । प्राचीनता इस तीर्थ का इतिहास अति ही प्राचीन माना जाता है । श्री आषाढ़ी श्रावक द्वारा तीन जिन प्रतिमाएँ भराने का उल्लेख शास्त्रों में आता है । कहा जाता है उनमें यह भी एक प्रतिमा है । प्रतिमा पर कोई लेख उत्कीर्ण नहीं है । परन्तु प्रतिमा की कलाकृति से ही इसकी प्राचीनता सिद्ध होती है । गाँव के आसपास अनेकों प्राचीन कलात्मक अवशेष दिखायी देते हैं । इनसे यह प्रमाणित होता है कि यह प्राचीन क्षेत्र है । विशिष्टता यहाँ का विस्तृत इतिहास प्राप्त नहीं हो रहा है । इतनी प्राचीन व सुन्दर श्री नेमिनाथ भगवान की प्रतिमा के दर्शन अन्यत्र दुर्लभ हैं । आषाढ़ी श्रावक द्वारा भराई हुई प्रतिमा मानी जाने के कारण इसकी मुख्य विशिष्टता है । प्रतिवर्ष वैशाख शुक्ला 6 के दिन वर्षगाँठ मनाई जाती है । अन्य मन्दिर 8 वर्तमान में इसके अतिरिक्त और कोई मन्दिर नहीं है । __ कला और सौन्दर्य नेमिनाथ भगवान की इतनी सुन्दर कलात्मक प्राचीन प्रतिमा के दर्शन अन्यत्र अति दुर्लभ है । मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन बीसनगर 8 कि. मी. ऊँझा 16 कि. मी. तारंगाजी 55 कि. मी. व महुडी 40 कि. मी. है, जहाँ से बस व टेक्सी की सुविधा है । गाँव का बस स्टेण्ड 400 मीटर दूर है । छोटी गली रहने के कारण बस मन्दिर से 400 मीटर दूर ठहरानी पड़ती है । कार मन्दिर तक जा सकती है । 08 ठहरने के लिए मन्दिर के पास ही सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला है, जहाँ भोजनशाला व भाते की सुविधा भी उपलब्ध है । पेढ़ी 8 श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक देरासर पेढ़ी, पोस्ट : वालम - 384 310. तालुका : बीसनगर, जिला : मेहसाणा (गुज.), फोन : 02765-85043. श्री नेमिनाथ भगवान जिनालय-वालम 530
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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