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________________ श्री मक्षी तीर्थ तीर्थाधिराज श्री मक्षी पार्श्वनाथ भगवान, श्याम वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग 105 सें. मी. । तीर्थ स्थल ग्राम मक्षी के अन्तर्गत सुरम्य सरोवर के तट पर एक भव्य परकोटे के मध्य I प्राचीनता इस प्रभु प्रतिमा का इतिहास अति प्राचीन बताया जाता है । ई. पू. सातवीं शताब्दी अर्थात् चौथे आरे की बताते है । ई. पू. दूसरी शताब्दी में यहाँ अनेकों जैन श्रावक व श्राविकाओं के रहने का उल्लेख है । ई. की दसवीं शताब्दी में परमार नरेशों द्वारा यहाँ जिन मन्दिर बनवाने के उल्लेख हैं । यह भी कहा जाता है कि ई. की ग्यारहवीं शताब्दी में जब मोहम्मद गजनवी ने भारत में विभिन्न मन्दिरों व मूर्तियों को क्षति पहुँचायी तब यह मन्दिर विद्यमान था व वे यहाँ भी आये थे । यहाँ आने पर भयानक रूप में बीमार पड़ गये व चमत्कार का अनुभव करने लगे । अतः फौज को आदेश दिया कि वे इस मन्दिर व प्रतिमा को कोई क्षति न पहुँचावें एवं यादगार स्वरूप मन्दिर के द्वार पर पाँच कंगूरे भी बनवाकर गये । 714 श्री पार्श्वनाथ भगवान-मक्षी कहा जाता है बड़ीयार देश के लोलाड़ा गाँव निवासी माण्डवगढ़ के खजाँची श्री संग्राम सोनी (श्री संग्राम सोनी पालनपुर निवासी होने का भी मत है) ने वि. सं. 1472 में इस मन्दिर का निर्माण करवाया था व प्रतिष्ठा आचार्य श्री सोमसुन्दरसूरीश्वरजी के सुहस्ते सम्पन्न हुई थी । एक और मतानुसार मन्दिर अति प्राचीन बताया जाने के कारण, हो सकता है खजांची संग्राम सोनी ने मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया हों । पार्श्व प्रभु की प्रतिमा अति ही सुन्दर, भव्य व चमत्कारिक है । यहाँ पर चमत्कारिक घटनाओं की अनेकों किंवदन्तियाँ प्रचलित हैं । कहा जाता है कि एक समय प्रभु के छत्र धारक श्री धरणेन्द्र देव ने अपने फणों से दुग्ध धारा बहायी थी जिससे मन्दिर के मूल स्थान में दूध भर गया था । उपस्थित अनेकों भाग्यशाली भक्तों ने इस चमत्कारी घटना के दिव्य दर्शन का लाभ उठाया । विशिष्टता श्वेताम्बर व दिगम्बर बंधुगण अपनी-अपनी विधिपूर्वक बनाये हुए नियमानुसार पूजा करते है । अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके निकट ही एक दिगम्बर मन्दिर विद्यमान है । उसके मूलनायक श्री सुपार्श्वनाथ भगवान है । कला और सौन्दर्य प्रभु प्रतिमा का शिल्प सौन्दर्य यात्रीगणों को निरन्तर आकृष्ट करता रहता है। मार्ग दर्शन मक्षी रेल्वे स्टेशन से मन्दिर 11/2 कि. मी. दूर है, जहाँ से आटो की सुविधा है। मक्षी गाँव बम्बई - आगरा मार्ग पर उज्जैन से 40 कि. मी, व इन्दौर से 70 कि. मी. दूर है । मन्दिर तक पक्की सड़क है । सुविधाएँ स्टेशन के निकट ही दिगम्बर जैन धर्मशाला है, मन्दिर के निकट श्वेताम्बर व दिगम्बर धर्मशालाएँ है, जहाँ बिजली, पानी, बर्तन व भोजनशाला की भी सुविधा उपलब्ध है । पेढ़ी 1. श्री आनन्दजी कल्याणजी पेढ़ी, जैन श्वेताम्बर मन्दिर, पोस्ट : मक्षी - 465106. जिला : शाजापुर, प्रान्त : मध्यप्रदेश, फोन : 07363-32037 ( मक्षी ) । 2. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिरान पेढ़ी, पोस्ट मक्षी - 465106. (म.प्र.), फोन : 07363-32028.
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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