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________________ श्री परासली तीर्थ तीर्थाधिराज श्री आदीश्वर भगवान, पद्मासन की मुद्रा में, लगभग 76.2 सें. मी. (22 फुट ) ( श्वे. मन्दिर ) । तीर्थ स्थल छोटे से परासली गाँव में । प्राचीनता प्रतिमा पर लेख के अनुसार इस मन्दिर की प्रतिष्ठापना विक्रम सं. 688 माघ शुक्ला दशमी के दिन श्री गुलराज हंसराज बोहरा ने, आचार्य प्रवर श्री उदयसागरजी म. सा. के सुहस्ते करवाई थी। विशिष्टता किंवदन्तियों के अनुसार यह तीर्थ अनेकों चमत्कारों का स्थल है । बताया जाता है कि आज भी विभिन्न प्रकार के चमत्कार यहाँ होते रहते है। उदाहरण स्वरूप प्रभु के न्हवण जल से पण्डित श्री रामेश्वरजी की आँखों को रोशनी मिलना, स्वधर्मी वात्सल्य में वस्तुओं की कमी पड़ने पर दैविक शक्ति से उसकी पूर्ति होना, विक्रम संवत् 1956 के भंयकर अकाल की अवधि में पुजारी को प्रतिदिन चाँदी की अनी मन्दिर में गुप्त रूप से प्राप्त होना, इत्यादि भक्त जनों से अभिहित किया जाता है । प्रतिवर्ष 696 फाल्गुन शुक्ला 13 को यहाँ मेला लगता है । इस अवसर पर हजारों भक्तगण इकट्ठे होते है । अन्य मन्दिर निकट ही श्री शान्तिनाथ भगवान का मन्दिर व एक दादावाड़ी है जिसमें श्री रत्नप्रभसूरीश्वरजी तथा दादा श्री जिनकुशलसूरीश्वरजी की सुन्दर प्रतिमाएँ है । कला और सौन्दर्य आदीश्वर भगवान की प्राचीन प्रतिमा अति ही सुन्दर व प्रभावशाली है । मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन श्यामगढ़ लगभग 12 कि. मी. की दूर है । श्यामगढ़ स्टेशन के सामने ही विश्राम के लिए धर्मशाला व दर्शनार्थ मन्दिर है । श्यामगढ़ से परासली के लिए बस व टेक्सी की सुविधा है। यहाँ से नागेश्वर तीर्थ 52 कि. मी. व मन्दसौर 87 कि. मी. दूर है । सुविधाएँ ठहरने के लिए सर्वसुविधायुक्त विशाल धर्मशाला है, जहाँ पर भोजनशाला एवं भाते की भी सुविधाएँ उपलब्ध हैं । उपाश्रय भी है । पेढ़ी : श्री जैन श्वेताम्बर परासली तीर्थ पेढ़ी, पोस्ट : परासली - 458883. जिला : मन्दसौर, प्रान्त : मध्यप्रदेश, फोन : 07425-32855. श्री आदीश्वर भगवान मन्दिर-परासली
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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