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________________ अन्य मन्दिर 88 इसी परकोटे में इस मन्दिर के श्री बिबडौद तीर्थ अतिरिक्त और पाँच मन्दिर हैं । कला और सौन्दर्य यहाँ के परकोटे के तीर्थाधिराज श्री आदीश्वर भगवान, श्याम अन्तर्गत का दृश्य अति मनोरम प्रतीत होता है । प्रभु वर्ण, पद्मासनस्थ लगभग 76 सें. मी. (श्वे. मन्दिर)। प्रतिमा की कला विशिष्ट है । तीर्थ स्थल बिबडौद गाँव के पास विशाल मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन परकोटे में, जो कि केशरियाजी के मन्दिर के नाम से रतलाम जंक्शन 8 कि. मी. व रतलाम शहर 4 कि. भी प्रचलित हैं । मी. दूरी पर मुम्बई-दिल्ली व खण्डवा-अजमेर लाईन प्राचीनता प्रतिमा की कलात्मक आकृति के पर स्थित है । जहाँ से बस, टेक्सी व आटो की दर्शन से ही यह प्रतीत होता है कि यह तीर्थ अति सुविधाएँ उपलब्ध है। तीर्थ स्थल तक पक्की सड़क है। प्राचीन है । इसकी प्रतिष्ठापना विक्रम संवत् की 13 वीं शताब्दी से पूर्व हुई होगी, ऐसा उल्लेख मिलता है। सुविधाएँ यहाँ पर एक विशाल धर्मशाला है, जहाँ पानी, बिजली, बर्तन, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र, उसके पश्चात् छोटे-बड़े कुछ जीर्णोद्धार अवश्य हुवे होंगे। गत जीर्णोद्धार वि. सं. 2021-2022 में हुवे का ___भोजनशाला व भाते की सुविधाएँ उपलब्ध हैं । उल्लेख है । अभी भव्य जीर्णोद्धार का काम चालू है। पेढ़ी 8 श्री बिबडौद तीर्थ, विशिष्टता प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव प्रभु श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जिनालय मल्लिनाथ ट्रस्ट की इतनी सुन्दर, भव्य व प्रशान्त, बालू की बनी प्रतिमा -बोर्ड । मोती पूज्यजी का मन्दिर, चौमुखीपुल । का अन्यत्र दर्शन दुर्लभ है । यहाँ हर वर्ष पौष वद पोस्ट : रतलाम - 457 001. प्रान्त : मध्यप्रदेश, दशमी से अमावश तक मेला लगता है । उन दिनों फोन : 07412-36277. हजारों यात्रीगण प्रभु के दर्शनार्थ यहाँ इकट्ठे होते है । 07412-22400 (ट्रस्ट ऑफिस) । तीर्थ का बाह्य दृश्य-बिम्बडौद 692
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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